अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा हिल स्टेशन माउंट आबू राजस्थान के सबसे ठंडे शहरों में से एक है और यहां एक ऐसी जगह है जो पूरे राजस्थान में अपनी अलग पहचान रखती है। हम बात कर रहे हैं गुरुशिखर पर्वत की, जो दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला की चोटी पर है।पूरी दुनिया से माउंट आबू घूमने आने वाले पर्यटक गुरुशिखर जरूर आते हैं। माउंट आबू की यह जगह सबसे ठंडी जगह भी है, क्योंकि यह माउंट आबू की सभी पहाड़ियों में सबसे ऊंची जगह है। सुबह-सुबह यहां का नजारा भी देखने लायक होता है। गुरुशिखर राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी है। इस वजह से यहां सबसे ज्यादा ठंड होती है।
समुद्र तल से 1722 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुरुशिखर को पर्यटक स्थल से ज्यादा धार्मिक स्थल माना जाता है। इस जगह का नाम गुरु दत्तात्रेय के कारण पड़ा है। गुरुशिखर में त्रिदेव के रूप में पूजे जाने वाले भगवान दत्तात्रेय की प्राचीन गुफा और मंदिर बना हुआ है। गुरु दत्तात्रेय महर्षि अत्रि और सप्तऋषियों में से एक अनुसूया के पुत्र थे।मान्यताओं के अनुसार भगवान दत्तात्रेय ने यहां वर्षों तक तपस्या की थी। यहां बने मंदिर में भगवान दत्तात्रेय की चरणपादुका और शिवलिंग उनकी मूर्ति के सामने स्थापित हैं। पास में ही अखंड धूना चलता है।
गुरुशिखर के भौगोलिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां कई मशहूर हस्तियां आ चुकी हैं। किंवदंतियों के अनुसार दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान अपनी पत्नी से मिलने और विवाह करने के लिए गुरुशिखर की यात्रा पर आए थे। महाराणा प्रताप ने अपना अज्ञातवास का समय गुरुशिखर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित शेरगांव में बिताया था।मंदिर के पास पहाड़ की चोटी पर अनुसूया माता का मंदिर है। यहां एक व्यू प्वाइंट भी बनाया गया है। यहां एक विशाल प्राचीन घंटा भी स्थापित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसे तीन बार बजाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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