राजस्थान सरकार रेगिस्तानी इलाकों में मवेशियों को कर्रा रोग से बचाने के लिए सजगता से काम कर रही है। इसी क्रम में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कर्रा रोग की रोकथाम, पानी और बिजली की निर्बाध आपूर्ति को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्री कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा के लिए भी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में कर्रा रोग तेजी से फैल रहा है और इस रोग की कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है। उन्होंने पशुपालकों से अपनी गायों को खुले में नहीं छोड़ने की अपील की, साथ ही विभागीय अधिकारियों को मवेशियों को कर्रा रोग से बचाने के लिए योजनाबद्ध और सतत प्रयास करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन दोनों मिलकर इस दिशा में संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ग्राम पंचायत स्तर तक निगरानी तंत्र को मजबूत करने, विकास अधिकारियों के माध्यम से नियमित निगरानी करने, सोशल मीडिया, विज्ञापन, होर्डिंग्स, एलईडी वॉल जैसे माध्यमों से जन जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जितना अधिक लोगों को जागरूक किया जाएगा, उतना ही अधिक पशुधन को बचाना संभव होगा। राज्य सरकार की इस पहल से न केवल पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। बैठक में जैसलमेर के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
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