नागौर के बासनी कस्बे में गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग नागौर के संयुक्त तत्वावधान में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की गई। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. हरिराम चौधरी ने किसानों को केन्द्र सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर होना होगा। कृषि विभाग के अनुसंधान अधिकारी (रसायन) डॉ. रणजीत सिंह ने फसल विविधीकरण एवं मृदा परीक्षण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण करवाकर खेतों में उचित पोषक तत्वों का ही उपयोग करें।
सहायक कृषि अधिकारी अन्नाराम इनाणिया ने जल संरक्षण तकनीक, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं टिकाऊ खेती को प्राथमिकता देने को कहा। इनाणिया ने कहा कि कृषि में नवाचारों को अपनाकर ही किसान आगे बढ़ सकेंगे। कार्यक्रम में सहायक कृषि अधिकारी (उद्यानिकी) रामजस लोमरोड़ ने उन्नत बागवानी के तहत बाग लगाने एवं अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए जैविक खेती के बारे में बताया। उन्होंने बकरी पालन, मुर्गी पालन सहित आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी।
कृषि पर्यवेक्षक रवीना ने कहा कि यह अभियान 'विकसित भारत के लिए विकसित खेती' की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी पहल है, जो किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर ग्रामीण कृषि व्यवस्था को लाभदायक, आत्मनिर्भर एवं टिकाऊ बनाएगी। इस अवसर पर पार्षद फात्मा, अनवर चौहान, अमीन खान, मोहम्मद अली, अहमद हसन, दिनेश, शौकत अली, मोहनपुरी, असगर अली, अजहरुद्दीन, मोहम्मद मोहसिन सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष किसान मौजूद रहे।
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