दीपावली पर्व को लेकर भारत में प्रचलित विभिन्न पंचांगों में तिथियों की भिन्नता को लेकर टोंक जिले में सभी सनातनी विद्वानों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सोमवार को गोपाल जी के मंदिर में संपन्न हुई। बैठक में जिले के प्रमुख विद्वानों और धार्मिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और इस बार दीपावली मनाने की तिथि पर सर्व सहमति से निर्णय लिया गया।
बैठक में विद्वानों ने इस वर्ष दीपावली के शुभ अवसर और धार्मिक अनुष्ठानों की समय सारिणी पर गहन विचार-विमर्श किया। विभिन्न पंचांगों में तिथियों के अंतर को ध्यान में रखते हुए, सभी ने सहमति व्यक्त की कि 20 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाना सबसे उपयुक्त होगा। इस निर्णय के बाद जिले के सभी मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को इसका पालन करने की सलाह दी गई है।
विद्वानों ने बताया कि भारत में हिन्दू पंचांग के अनुसार दीपावली अमावस्या को मनाई जाती है। लेकिन विभिन्न प्राचीन और क्षेत्रीय पंचांगों में चंद्रमा की स्थिति और तिथियों में अंतर होने के कारण कभी-कभी अलग-अलग स्थानों पर दीपावली अलग-अलग दिन मनाई जाती है। इसी कारण इस वर्ष भी टोंक जिले में सभी धार्मिक स्थलों और समुदायों को एक समान तिथि तय करने की आवश्यकता महसूस हुई।
गोपाल जी के मंदिर में आयोजित बैठक में उपस्थित विद्वानों ने धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा विधियों और सामाजिक आयोजनों को भी ध्यान में रखते हुए तिथि का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि इस बार सर्व सहमति से तय की गई तिथि पर ही दीपावली मनाना श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से लाभकारी रहेगा।
टोंक जिले के विद्वानों ने यह भी उल्लेख किया कि दीपावली केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामूहिक उत्सव का प्रतीक भी है। सभी समुदायों और परिवारों को मिलकर यह पर्व मनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन और धार्मिक समितियों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित तिथि के अनुसार कार्यक्रमों का समन्वय सुनिश्चित करें।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने विद्वानों के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे पूजा-अर्चना, घर सजावट, बाजार और सामाजिक आयोजनों में एकरूपता आएगी और भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। जिले में सभी मंदिर और धार्मिक स्थलों पर 20 अक्टूबर को दीपावली की भव्य तैयारी शुरू कर दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की बैठकें और सर्व सहमति के निर्णय धार्मिक समुदायों में एकता बनाए रखने और पर्व को सामूहिक रूप से मनाने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। इससे क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलता है।
इस निर्णय के साथ ही टोंक जिले में दीपावली पर्व 20 अक्टूबर को मनाने की तैयारी पूरी तरह शुरू हो गई है। मंदिरों, सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों ने सजावट, पूजा सामग्री और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की योजना बनानी शुरू कर दी है। इस प्रकार, इस वर्ष दीपावली पर्व एकजुटता और सर्व सहमति के साथ मनाया जाएगा।
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