एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में आरएएस अधिकारी हनुमानाराम बिरदा की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार हनुमानाराम 10 अप्रैल 2025 से निलंबित माने जाएंगे। एसओजी ने उन्हें जैसलमेर से हिरासत में लिया और जयपुर लेकर आई, जहां लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने का आरोप
फतेहगढ़ (जैसलमेर) में तैनात एसडीएम हनुमानाराम को एसओजी ने एसआई परीक्षा 2021 में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने के आरोप में 9 अप्रैल को हिरासत में लेकर जयपुर लाया था। कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें एक दिन का रिमांड मिला, जिसके बाद एसओजी को पूछताछ के लिए 7 दिन का और रिमांड मिला।
आरएएस अधिकारी बनने के बाद दी दो फर्जी परीक्षाएं
हनुमानाराम ने आरएएस परीक्षा 2021 में 22वीं रैंक हासिल की थी। जुलाई 2021 में परिणाम आने के बाद उसे एसडीएम पद पर नियुक्ति मिली और दिसंबर में उसकी ट्रेनिंग शुरू हुई। लेकिन सितंबर 2021 में आरएएस बनने के बाद वह नरपतराम और रामनिवास की जगह डमी अभ्यर्थी के तौर पर एसआई भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ।
पत्नी की गिरफ्तारी के बाद हुआ मामला
यह मामला तब सामने आया जब जोधपुर पुलिस ने नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार कर एसओजी को सौंप दिया। पूछताछ में नरपतराम ने बताया कि उसकी जगह हनुमानराम एसआई परीक्षा में शामिल हुआ था। बाद में एसओजी की गहन पूछताछ में रामनिवास के बारे में भी जानकारी सामने आई।
कौन हैं हनुमानाराम बिरदा?
हनुमानाराम का जन्म बाड़मेर जिले के बिसारणियां गांव में हुआ। उनके पिता कौशलाराम किसान हैं। हनुमानराम बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे और उन्होंने 2016 से आरएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। दूसरे प्रयास में ही उन्हें सफलता मिल गई।
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