कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी द्वारा वीजा लेकर आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिए जाने से पाक शरणार्थियों में खलबली मच गई है। इस पर सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों पर यह आदेश लागू न करने का अनुरोध किया है। सोढ़ा ने पत्र में लिखा है- कैबिनेट कमेटी के निर्णय में कहा गया है कि वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा। सीमांत लोक संगठन सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता है, लेकिन अनुरोध है कि यह निर्णय उन लोगों पर लागू न किया जाए जो धार्मिक प्रताड़ना के कारण पाकिस्तान छोड़कर भारत आने को मजबूर हुए हैं।
बता दें कि पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत आए विस्थापितों में से अधिकांश पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हैं। जोधपुर में चौखा, राजीव गांधी आवासीय योजना, सुंदर बालाजी, गंगाणा, काली बेरी, मंडोर आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार अस्थायी रूप से कच्ची बस्तियों में रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश को भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। इस कारण इन परिवारों को डर है कि कहीं उन्हें भी भारत छोड़ने पर मजबूर न कर दिया जाए।
धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर आए थे भारत
सोढ़ा ने कहा- केंद्र व राज्य सरकार की सकारात्मक नीति के कारण विभाजन के बाद से अब तक ऐसे धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोग लगातार भारत आते रहे हैं। भारत सरकार ने ऐसे लोगों को अपना हिस्सा मानकर न केवल रहने दिया है, बल्कि उन्हें धार्मिक उन्माद का शिकार न होने देने के कारण इन लोगों को नागरिकता देने के लिए विशेष प्रावधान भी किए हैं।
विस्थापित लोगों में भय का माहौल
ऐसे में ऐसे प्रताड़ित विस्थापित लोगों को पाकिस्तानी नागरिक मानकर वापस भेजने के आदेश को लेकर असमंजस व भय का माहौल बन रहा है। चूंकि, ऐसे अधिकांश नागरिक पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हैं। इस आदेश से उनके भारतीय जमानतदार व रिश्तेदार भी परेशान हैं। केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि इस संबंध में राज्यों के संबंधित अधिकारियों को सकारात्मक निर्देश प्रदान करें, ताकि इस पीड़ित वर्ग को राहत मिल सके।
पश्चिमी राजस्थान में सबसे अधिक विस्थापित परिवार; दहशत में
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत आए विस्थापितों में से अधिकांश पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हैं। जोधपुर में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार रह रहे हैं। यहां वे चौखा, राजीव गांधी आवासीय योजना, सुंदर बालाजी, गंगाणा, काली बेरी, मंडोर आदि क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में अस्थायी रूप से रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश को भारतीय नागरिकता नहीं मिली है और इस कारण ये परिवार दहशत में हैं कि कहीं उन्हें भी भारत छोड़ने पर मजबूर न होना पड़े।
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