जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रदेशभर के शिक्षक और कर्मचारियों ने ओपीएस यथावत रखने और 2004 से 2022 तक एनपीएस में काटे गए 51 हजार करोड़ रुपए वापस लेने की हुंकार भरी। राजस्थान शिक्षक महासंघ के आह्वान पर शुक्रवार को शहीद स्मारक पर प्रदेश स्तरीय धरना दिया गया। इस मौके पर राजस्थान शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सुन्दर शर्मा ने बताया कि 1 अप्रेल, 2022 से 2004 के बाद के कर्मचारियों के लिए एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस बहाल कर दी गई थी।
अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ और अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ( एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष केशरसिंह चम्पावत ने बताया कि यह राजस्थान के सभी कर्मचारियों की लड़ाई है। न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा ने कहा कि ओपीएस से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
…तो 24 घंटे में सड़क पर उतर जाएंगे राजस्थान के कर्मचारी
राजस्थान शिक्षक कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री महावीर सियाग ने कहा कि ओपीएस की लड़ाई संयुक्त रूप से लड़ी जाएगी और यदि भजनलाल सरकार इससे छेड़छाड़ करेगी तो 24 घंटे में राजस्थान का कर्मचारी सड़क पर उतर जाएगा। ओपीएस यथावत रखने का ज्ञापन सीएमओ हाउस में मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी को दिया गया।
क्यों लामबंद हुए सरकारी कर्मचारी?
राजस्थान में लंबे संघर्ष के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने साल 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2022 से एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस को बहाल कर दिया गया था। अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारी ओपीएस को यथावत बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि 51 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार से प्राप्त कर जीपीएफ खाते में जमा कराए जाएं।
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