सिरोही जिले में एक बार फिर लम्पी रोग ने दस्तक दे दी है। पिछले तीन हफ्तों में 150 से ज़्यादा गायें इस बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं। पशुपालन विभाग ने 80 गायों में लम्पी रोग की पुष्टि की है।इस बीमारी का प्रकोप मकरोड़ा, ईसरा, शिवगंज और रेवदर तहसील क्षेत्रों में फैला हुआ है। पशुपालन विभाग की टीमें गौशालाओं का दौरा कर पशुओं की जाँच कर रही हैं। संक्रमित गायों को गौशाला से 2 किलोमीटर दूर रखा जा रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, यह चिंता का विषय है कि सिरोही पशुपालन विभाग में संयुक्त निदेशक और उप निदेशक जैसे प्रमुख पद रिक्त हैं। पिछले महीने चलाए गए टीकाकरण अभियान के बावजूद, इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।लम्पी चर्म रोग एक संक्रामक रोग है जो एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है। इसके लक्षणों में त्वचा पर गांठें, बुखार और अन्य समस्याएं शामिल हैं। विभाग की टीमें प्रभावित पशुओं का उपचार कर रही हैं।
रोग के मुख्य लक्षण
इस रोग में मवेशियों को बुखार, त्वचा पर गांठें और अन्य लक्षण हो सकते हैं। यह रोग मवेशियों के स्वास्थ्य और उत्पादकता को प्रभावित करता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह रोग एक विषाणु द्वारा होता है। टीकाकरण और पशु प्रबंधन के माध्यम से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। यह रोग पशुओं के एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। दूषित पानी या चारा खाने से भी यह रोग फैल सकता है।
यह सावधानी बरतें
यदि गाँव में यह रोग फैल रहा है, तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें, पशु चिकित्सक से परामर्श लें और रोग की पुष्टि करें। बीमार पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग करें। इससे रोग के प्रसार को रोका जा सकता है। टीकाकरण करवाएँ: पशुओं का टीकाकरण करवाएँ ताकि वे रोग से सुरक्षित रहें।पशुओं के रहने के स्थान को साफ रखें और उन्हें दूषित पानी या चारे से बचाएँ। जागरूकता फैलाएँ, गाँव के लोगों को रोग और उसके बचाव के बारे में जानकारी दें। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एलएसडी एक गंभीर रोग है और इसका समय पर इलाज और रोकथाम आवश्यक है।
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