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बिहार चुनाव: आरजेडी-कांग्रेस के बीच इन सीटों पर होगा मुक़ाबला, दोनों ने उतारे उम्मीदवार

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Getty Images महागठबंधन के दलों के बीच सीटों की साझेदारी पर सहमति नहीं बन पाई (फ़ाइल फ़ोटो)

बिहार विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है.

इन चुनावों के लिए महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.

कई दिनों की खींचतान और दावों के बावजूद विपक्षी दल सीटों के बंटवारे का फ़ैसला नहीं कर पाए. गठबंधन के उम्मीदवारों के नाम की कोई साझा या औपचारिक घोषणा नहीं हुई.

ख़बर लिखे जाने तक जिन सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दल आपस में भिड़ने वाले हैं, उनमें छह सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी, जबकि चार सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

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बिहार में पहले चरण की वोटिंग के लिए जिन उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा है, उनके लिए सोमवार को नाम वापसी का आख़िरी दिन है.

ऐसे में यह लगभग तय है कि कई सीटों पर विपक्षी गठबंधन को एनडीए के उम्मीदवारों के साथ ही आपस में भी लड़ना होगा. विपक्षी नेता इसे 'फ्रेंडली फ़ाइट' (दोस्ताना मुक़ाबला) बता रहे हैं.

image Getty Images हाल ही में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' में विपक्षी दलों के बीच काफ़ी एकजुटता देखी गई थी

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि हर पार्टी ज़्यादा से ज़्यादा सीट चाहती है, लेकिन मतभेदों को सुलझा लिया गया है.

सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं है. बातचीत से सारे रास्ते निकल रहे हैं. गठबंधन में कोई खटास नहीं है."

सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, "हर पार्टी चाहती है कि वह ज़्यादा सीटों पर लड़े. सारे के सारे मतभेद सुलझा लिए गए हैं."

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मृत्युंजय तिवारी ने एक ही सीट पर महागठबंधन के दो उम्मीदवारों के सवाल पर कहा, "कुछ ऐसी जगहें हैं जहां ये स्थितियां पैदा हुई हैं. लेकिन उसको भी समय रहते ठीक कर लिया जाएगा. अभी नामांकन वापसी के लिए समय बचा हुआ है. प्रयास जारी है. सबकुछ ठीक है."

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जिन सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने उतारे हैं उम्मीदवार

बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए 6 और 11 नवंबर को वोट डाले जाएँगे और 14 नवंबर को नतीजों का एलान होगा.

राज्य में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं.

आरजेडी ने इनमें से 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जबकि साल 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसने 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.

वहीं, कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 61 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस को पिछली बार साझेदारी में 70 सीटें मिली थीं, जिनमें 19 सीटों पर उसने जीत हासिल की थी.

image Getty Images माना जाता है कि मुकेश सहनी (सबसे बाएं) की विकासशील इंसान पार्टी के आने से महागठबंधन में सीटों का बंटवारा और पेचीदा हो गया

माना जा रहा है कि जिन सीटों पर विपक्षी दलों को जीत की ज़्यादा संभावना दिखती है, उन्हीं सीटों को लेकर महागठबंधन के दलों में सहमति नहीं बन पाई.

इस बार जिन सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार के साथ ही कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आपस में भी लड़ने वाले हैं, वो सीटें हैं:

  • सिकंदरा

उदय नारायण चौधरी (आरजेडी)

विनोद चौधरी (कांग्रेस)

  • कहलगांव

रजनीश भारती (आरजेडी)

प्रवीण कुमार कुशवाहा (कांग्रेस)

  • सुल्तानगंज

ललन यादव (कांग्रेस)

चंदन सिन्हा (आरजेडी)

  • वैशाली

अजय कुशवाहा (आरजेडी)

संजीव सिंह (कांग्रेस)

  • लालगंज

शिवानी शुक्ला (आरजेडी)

आदित्य कुमार (कांग्रेस)

  • वारिसलीगंज

सतीश कुमार (कांग्रेस)

अनीता (आरजेडी)

इस बीच न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, कांग्रेस ने सोमवार को सुपौल से मिन्नत रहमानी को उम्मीदवार घोषित किया. पार्टी ने इस सीट पर पहले अनुपम को टिकट दिया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली गई.

अनुपम के कुछ पुराने ट्वीट के वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया जिनमें उन्होंने कांग्रेस से बाहर रहते हुए राहुल गांधी के बारे में विवादित टिप्पणी की थी.

कांग्रेस और सीपीआई आमने-सामने image ANI सीपीआई और कांग्रेस भी कुछ सीटों पर आमने-सामने है

राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा थी और उसने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से दो सीटों पर उसने जीत हासिल की थी.

इस बार सीपीआई को जिन सीटों पर कांग्रेस से भी मुक़ाबला करना होगा उनमें ये सीटें शामिल हैं:

  • बछवाड़ा

शिव प्रकाश ग़रीब दास (कांग्रेस)

अवधेश राय (सीपीआई)

  • करगहर

संतोष मिश्रा (कांग्रेस)

महेंद्र गुप्ता (सीपीआई)

  • बिहार शरीफ़

ओमैर ख़ान (कांग्रेस)

शिव कुमार यादव (सीपीआई)

  • राजापाकर

प्रतिमा दास (कांग्रेस)

मोहित पासवान (सीपीआई)

image ANI सीपीआईएमएल के दीपांकर भट्टाचार्य ने महागठबंधन में एकजुटता का दावा किया था

इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है.

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो पार्टी ने शनिवार को घोषणा की कि वह बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी और छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

एजेंसी के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ''पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती पर चुनाव लड़ेगी.''

वोटों के बंटवारे का नुक़सान image Getty Images साल 2020 के चुनावों में वोटों के बंटवारे का बड़ा नुक़सान जेडीयू को हुआ था (फ़ाइल फ़ोटो)

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीट शेयरिंग की घोषणा पहले ही कर दी है.

इस साझेदारी के मुताबिक़ बीजेपी 101, जेडीयू 101 और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

वहीं अन्य सहयोगी दल जैसे- जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के हिस्से में छह-छह सीटें मिली हैं.

यानी कम से कम एनडीए ने यह ज़रूर दिखा दिया कि साल 2020 के विधानसभा चुनावों की तरह उसमें कोई दरार नहीं है और गठबंधन के सहयोगी दल एक-दूसरे को नुक़सान नहीं पहुंचाने वाले हैं.

साल 2020 में एलजेपी के चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और कुछ अन्य दलों के ख़िलाफ़ अपने उम्मीदवार उतारे थे.

जेडीयू ने उन चुनावों में 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 43 सीटों पर ही जीत मिल पाई थी. वहीं एलजेपी ने 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे, जबकि उसे महज़ एक सीट पर जीत मिली थी.

पिछले चुनाव में एलजेपी ने जिस तरह का नुक़सान जेडीयू को पहुंचाया था, उस पर नीतीश कुमार समेत जेडीयू के अन्य नेताओं ने कई बार नाराज़गी ज़ाहिर की थी.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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