जून महीने की पहली तारीख़ से देश में कुछ नियम लागू होने वाले हैं.
ये बदले हुए नियम आम लोगों की ज़िंदगी पर सीधा असर डालेंगे.
इनमें आधार कार्ड की जानकारी को मुफ़्त अपडेट करने से लेकर ईपीएफ़ओ और म्यूचुअल फ़ंड में निवेश से जुड़े नियम शामिल हैं.
आइए जानते हैं 1 जून से क्या बदलने वाला है और कैसे ये आपके वित्तीय फै़सलों को प्रभावित करेगा.
ईपीएफ़ओ 3.0
सरकार ईपीएफ़ओ का नया वर्जन ईपीएफ़ओ 3.0 को 1 जून से लॉन्च कर सकती है.
इससे इसके नौ करोड़ से भी अधिक कॉन्ट्रिब्यूटर एटीएम जैसे कार्ड से प्रॉविडेंट फ़ंड से अपना पैसा निकाल सकते हैं.
इससे केवाईसी अपडेट की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. इससे क्लेम प्रोसेस में भी तेज़ी आएगी.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूएडीआईए की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक़ 14 जून 2025 तक अपना आधार डिटेल मुफ़्त में बदलवाया जा सकता है.
जो लोग 14 जून के बाद अपनी आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ के डॉक्यूमेंट में बदलाव कराना चाहेंगे तो उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर 25 रुपये और ऑफ़लाइन मोड में 50 रुपये देने होंगे.
सरकार ने दस्तावेज़ों के रिकॉर्ड में लोगों की अपडेट जानकारी रखने के लिए ये विंडो खोला है.
म्यूचुअल फ़ंड के लिए सेबी का नया नियमसिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया यानी सेबी ओवरनाइट म्यूचुअल फ़ंड की कट-ऑफ़ टाइमिंग में बदलाव करने जा रहा है.
अब ऑफ़लाइन ट्रांजे़क्शन के लिए दोपहर तीन बजे और ऑनलाइन ट्रांजे़क्शन के लिए शाम सात बजे का समय निर्धारित किया गया है.
इस समय के बाद कोई भी ऑर्डर अगले वर्किंग डे में प्रोसेस किया जाएगा. हालांकि एनएवी में परिवर्तन हो सकता है. इससे क्लाइंट फंड्स के प्रबंधन में सुधार की उम्मीद है.

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़ 1 जून से पीयर टु पीयर और पीयर-टु-मर्चेंट पेमेंट के लिए यूपीआई ट्रांजे़क्शन में यूज़र को यूपीआई ऐप में अंतिम लाभार्थी का बैंक नाम दिखाना होगा.
16 जून 2025 से यूपीआई पेमेंट और तेज़ होगा, लेकिन यह प्रक्रिया अप्रत्यक्ष तौर से 1 जून से प्रभावित हो सकती है क्योंकि बैंक और पेमेंट ऐप्स नए नियमों की तैयारी शुरू करेंगे.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) ने ट्रांजै़क्शन रेस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड करने का निर्देश दिया है. इससे डिजिटल पेमेंट यूज़र को तेज़ और बेहतर सर्विस मिलेगी.
एलपीजी-सीएनजी की क़ीमतें बदल सकती हैंहर महीने की पहली तारीख़ को एलपीजी और सीएनजी गैस की क़ीमतों की समीक्षा होती है.
इस बार भी 1 जून को क़ीमतों में बदलाव की संभावना है, जो आपके घरेलू बजट को प्रभावित कर सकता है.
जीएसटी के इस नियम में बदलाव
1 जून से जीएसटीएन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जून से इनवॉयस नंबर अब केस-इंसेंसिटिव (अपर और लोअर केस) होगा.
बदलाव के बाद ABC, abc सब एक जैसे होंगे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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