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बांग्लादेश का दावा, 'भारत में अवामी लीग के दफ़्तर', विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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Getty Images बांग्लादेश सरकार के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी किया है

भारत में कथित तौर पर अवामी लीग के दफ़्तर सक्रिय होने के बांग्लादेश विदेश मंत्रालय के बयान पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रेस वक्तव्य को ग़लत बताया है.

विदेश मंत्रालय ने मीडिया के पूछे गए सवाल पर जवाब जारी किया है. इसमें कहा गया है, "भारत सरकार को अवामी लीग के कथित सदस्यों द्वारा भारत में किसी भी प्रकार की बांग्लादेश-विरोधी गतिविधियों या भारतीय क़ानून के विपरीत किसी भी कार्रवाई की जानकारी नहीं है."

"भारत सरकार अन्य देशों के ख़िलाफ़ राजनीतिक गतिविधियों को भारत की ज़मीन से संचालित होने की अनुमति नहीं देती."

बांग्लादेश की पार्टी अवामी लीग की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं.

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रेस बयान ग़लत है.

साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बांग्लादेश में चुनावों का ज़िक्र भी किया है.

बयान में कहा गया है, 'भारत दोहराता है कि बांग्लादेश में जनता की इच्छा और जनादेश सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराए जाएं.'

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बांग्लादेश ने क्या कहा था? image Getty Images शेख़ हसीना की पार्टी को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयानजारी किया था. इस बयान में भारत पर कई आरोप लगाए गए थे.

आरोप लगाया गया है कि बांग्लादेश अवामी लीग ने दिल्ली और कोलकाता में अपने दफ़्तर खोले हैं. अवामी लीग को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने प्रतिबंधित किया है.

बयान में लिखा था, "दिल्ली और कोलकाता में प्रतिबंधित राजनीतिक दल बांग्लादेश अवामी लीग के दफ़्तर खोले जाने की रिपोर्ट्स पर बांग्लादेश सरकार का ध्यान गया है."

"यह घटनाक्रम उस पृष्ठभूमि में हुआ है जब अवामी लीग के नेतृत्व ने भारत की ज़मीन से बांग्लादेश-विरोधी गतिविधियां तेज़ कर दी हैं.

"पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जो मानवता के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामलों में बांग्लादेश से फ़रार हैं और भारत में मौजूद हैं."

"21 जुलाई 2025 की शाम को, एक ग़ैर सरकारी संगठन के नाम से इस प्रतिबंधित दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली प्रेस क्लब में एक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई और प्रेस के सदस्यों में बुकलेट बांटी गईं."

"अब तक भारतीय मीडिया की कई रिपोर्टों में इस बात की पुष्टि की गई है कि यह पार्टी भारतीय ज़मीन पर अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है."

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image BBC भारत सरकार से क्या अपील की गई थी?

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, "भारत की ज़मीन पर वैध या अवैध तरीक़े से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के ज़रिए और ख़ासकर प्रतिबंधित राजनीतिक दल के फ़रार नेताओं/कार्यकर्ताओं के ज़रिए, बांग्लादेश के हितों के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि या कार्यालय की स्थापना, बांग्लादेश और बांग्लादेश की जनता का स्पष्ट अपमान है."

"यह घटनाक्रम भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित सौहार्दपूर्ण संबंधों को भी प्रभावित करता है और बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक बदलावों पर गंभीर असर डाल सकता है."

"इससे बांग्लादेश में जनभावनाएं भी भड़क सकती हैं, जो दोनों निकटतम पड़ोसियों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को प्रभावित कर सकती हैं."

इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से अपील की है कि वह "तुरंत क़दम उठाए ताकि भारत की ज़मीन से कोई भी बांग्लादेश-विरोधी गतिविधि किसी भी बांग्लादेशी नागरिक के ज़रिए न हो, और ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी रूप में अनुमति या समर्थन न दिया जाए."

इसके साथ ही बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपील की है कि "प्रतिबंधित बांग्लादेश अवामी लीग के राजनीतिक कार्यालयों को तत्काल बंद किया जाए."

बीते साल 5 अगस्त को छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा था.

तब से ही भारत में रह रहीं शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश लगातार दबाव बना रहा है.

अंतरिम सरकार ने भारत से उन्हें वापस भेजने की मांग की है. लेकिन भारत ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है.

अंतरिम सरकार में शामिल लोगों का कहना है कि भारत शेख़ हसीना को पनाह दिए हुए है. साथ ही उनका आरोप है कि शेख़ हसीना भारत से लगातार बांग्लादेश विरोधी गतिविधियां चला रही हैं.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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