
27 सितंबर 1981 को मद्रास में जन्मे लक्ष्मीपति बालाजी को उनकी मुस्कान के लिए भी पहचाना जाता है। यह बचपन में हुए एक ऑपरेशन का नतीजा था, जिसके बाद से उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बरकरार रही।
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद लक्ष्मीपति बालाजी को साल 2002 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला। यह वनडे फॉर्मेट था। अगले ही साल उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट खेला।
भले ही इस तेज गेंदबाज को सिर्फ 8 टेस्ट मैच खेलने के मौके मिले, लेकिन साल 2004 में पाकिस्तान के दौरे में शायद ही कोई क्रिकेट फैन उनके प्रदर्शन को भूल सके, जिसमें बालाजी ने 12 विकेट हासिल किए थे।
मुल्तान में खेले गए पहले मैच को भारत ने पारी और 52 रन से अपने नाम किया था। इस मुकाबले में बालाजी सिर्फ एक ही विकेट हासिल कर सके।
सीरीज का अगला मैच लाहौर में खेला गया, जिसमें बालाजी ने पहली पारी में 81 रन देकर 3 शिकार किए। अगली पारी में उन्होंने 3 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें 15 रन देकर 1 विकेट हासिल किया, लेकिन टीम इंडिया ने मुकाबला 9 विकेट से गंवा दिया।
सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी। ऐसे में तीसरा मैच निर्णायक था, जिसे भारत ने पारी और 131 रन से जीतकर सीरीज अपने नाम की। इस मैच के हीरो बालाजी थे, जिन्होंने मैच में कुल 7 विकेट अपने नाम किए। पहली पारी में बालाजी ने 63 रन देकर 4 शिकार किए। अगली पारी में उन्होंने 108 रन देकर 3 विकेट निकाले।
लक्ष्मीपति बालाजी के नाम आईपीएल इतिहास की पहली हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड भी है, जिन्होंने 10 मई 2008 को चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की ओर से खेलते हुए किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ यह कारनामा किया था। बालाजी ने उस पारी में 4 ओवरों में 24 रन देकर 5 शिकार किए।
सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी। ऐसे में तीसरा मैच निर्णायक था, जिसे भारत ने पारी और 131 रन से जीतकर सीरीज अपने नाम की। इस मैच के हीरो बालाजी थे, जिन्होंने मैच में कुल 7 विकेट अपने नाम किए। पहली पारी में बालाजी ने 63 रन देकर 4 शिकार किए। अगली पारी में उन्होंने 108 रन देकर 3 विकेट निकाले।
Also Read: LIVE Cricket Scoreबतौर खिलाड़ी संन्यास लेने के बाद लक्ष्मीपति बालाजी ने कोच के तौर पर अपना करियर शुरू किया। वह आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच रह चुके हैं।
Article Source: IANSYou may also like
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