रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चेक क्लियरेंस को तेज और आसान बनाने के लिए नया रियल-टाइम सिस्टम शुरू किया है। लेकिन इस सिस्टम में अभी टेक्निकल ग्लिचेज और बैंक स्टाफ के ट्रेनिंग की कमी की वजह से परेशानियां आ रही हैं। कई कस्टमर्स शिकायत कर रहे हैं कि चेक क्लियर होने में देरी हो रही है, क्योंकि बैंक वाले नए सिस्टम को सही तरीके से नहीं संभाल पा रहे हैं। नया सिस्टम पुराने बैच-बेस्ड प्रोसेस को बदलकर चेक क्लियरेंस को उसी दिन पूरा करने का वादा करता है, ताकि पैसा कुछ घंटों में आपके खाते में पहुंच सके। मगर खराब स्कैनिंग, चेक की धुंधली तस्वीरें और सिस्टम की गलतफहमियां इस प्रोसेस में बाधा बन रही हैं। मुंबई के एक निजी बैंक के अधिकारी के मुताबिक, 'बैंक कर्मचारियों को नई प्रोसेस की ट्रेनिंग नहीं मिली है, जिसके कारण डिजिटल इमेजिंग और डेटा एंट्री में काफी दिक्कतें आ रही हैं।'
चेक क्लियरिंग में देरी और RBI का अतिरिक्त समय देने का फैसला
जब चेक क्लियर नहीं होता, तो बैंक के कर्मचारियों खुद चेक देखकर फिर से प्रोसेस करनी पड़ती है। इसी वजह से चेक क्लियरिंग में देरी हो रही है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि यह काम समय लेने वाला है और इससे पैसे की ट्रांजैक्शन देर से होती है। इस समस्या को कम करने के लिए RBI ने चेक क्लियरिंग के समय को बढ़ाकर रात 11 बजे तक कर दिया है, जबकि पहले यह समय शाम 7 बजे तक ही था।
मतलब अब बैंक को चेक क्लियर करने के लिए ज्यादा समय मिल गया है, ताकि जो काम अधूरा रह गया है उसे पूरा किया जा सके। लेकिन इसके बावजूद कुछ ग्राहक और कंपनियां इस प्रोसेस में परेशानी झेल रही हैं। मुंबई की एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के एक अधिकारी ने बताया कि वे अपने कस्टमर्स से EMI के रूप में चेक प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि एक शनिवार को उन्होंने लगभग 20 करोड़ रुपए के कई चेक बैंक को दिए थे, लेकिन अभी तक उनका पैसा उनके अकाउंट में नहीं आया है, जबकि उन ग्राहकों के बैंक अकाउंट से पैसा कट चुका है।
इसका मतलब है कि पैसा ग्राहक के अकाउंट से तो कट गया है, लेकिन NBFC के अकाउंट में नहीं पहुंचा है। अधिकारी ने कहा कि उन्हें बैंक से कोई साफ-सुथरी जानकारी नहीं मिल रही है कि पैसा फिलहाल कहां रुका हुआ है या कब तक आएगा। इस पूरे मामले से साफ है कि नया चेक क्लियरिंग सिस्टम अभी पूरी तरह सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है और इस कारण आम लोगों और बिजनेस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। RBI ने कुछ राहत देने के लिए क्लियरिंग टाइम बढ़ाया है, लेकिन पूरी समस्या का समाधान अभी बाकी है।
सीमित परेशानी, लेकिन सोशल मीडिया पर नाराजगी
नए चेक क्लियरिंग सिस्टम में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन इसका असर ज्यादा नहीं हुआ क्योंकि अब ज्यादातर लोग ऑनलाइन तरीके से पैसे भेजना पसंद करते हैं। बड़ी कंपनियां NEFT और RTGS का इस्तेमाल करती हैं और आम लोग शहरों में UPI के जरिए पैसे ट्रांसफर करते हैं। RBI के आंकड़ों के मुताबिक, पहले कोविड से पहले 2019 में हर महीने करीब 45 करोड़ चेक क्लियर होते थे, जो अब 20 से 30 करोड़ के बीच आ गए हैं। मतलब अब लोग चेक की जगह डिजिटल पेमेंट को ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। फिर भी, चेक क्लियरिंग में हो रही देरी से कई लोग परेशान हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें बताईं।
एक कंपनी ने लिखा कि RBI का नया नियम है कि चेक उसी दिन क्लियर होना चाहिए, लेकिन फिर भी कई चेक कई दिन से अटके हुए हैं। एक ग्राहक विवेक पांडे ने भी कहा कि उनका चेक तीन दिन तक क्लियर नहीं हुआ। जब वे बैंक गए तो ब्रांच मैनेजर ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से चेक क्लियरिंग में समस्या हो रही है और उन्हें इंतजार करना होगा। इससे पता चलता है कि भले ही ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं, लेकिन चेक क्लियरिंग सिस्टम में अभी भी सुधार की जरूरत है।
चेक क्लियरिंग में देरी और RBI का अतिरिक्त समय देने का फैसला
जब चेक क्लियर नहीं होता, तो बैंक के कर्मचारियों खुद चेक देखकर फिर से प्रोसेस करनी पड़ती है। इसी वजह से चेक क्लियरिंग में देरी हो रही है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि यह काम समय लेने वाला है और इससे पैसे की ट्रांजैक्शन देर से होती है। इस समस्या को कम करने के लिए RBI ने चेक क्लियरिंग के समय को बढ़ाकर रात 11 बजे तक कर दिया है, जबकि पहले यह समय शाम 7 बजे तक ही था।
मतलब अब बैंक को चेक क्लियर करने के लिए ज्यादा समय मिल गया है, ताकि जो काम अधूरा रह गया है उसे पूरा किया जा सके। लेकिन इसके बावजूद कुछ ग्राहक और कंपनियां इस प्रोसेस में परेशानी झेल रही हैं। मुंबई की एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के एक अधिकारी ने बताया कि वे अपने कस्टमर्स से EMI के रूप में चेक प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि एक शनिवार को उन्होंने लगभग 20 करोड़ रुपए के कई चेक बैंक को दिए थे, लेकिन अभी तक उनका पैसा उनके अकाउंट में नहीं आया है, जबकि उन ग्राहकों के बैंक अकाउंट से पैसा कट चुका है।
इसका मतलब है कि पैसा ग्राहक के अकाउंट से तो कट गया है, लेकिन NBFC के अकाउंट में नहीं पहुंचा है। अधिकारी ने कहा कि उन्हें बैंक से कोई साफ-सुथरी जानकारी नहीं मिल रही है कि पैसा फिलहाल कहां रुका हुआ है या कब तक आएगा। इस पूरे मामले से साफ है कि नया चेक क्लियरिंग सिस्टम अभी पूरी तरह सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है और इस कारण आम लोगों और बिजनेस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। RBI ने कुछ राहत देने के लिए क्लियरिंग टाइम बढ़ाया है, लेकिन पूरी समस्या का समाधान अभी बाकी है।
सीमित परेशानी, लेकिन सोशल मीडिया पर नाराजगी
नए चेक क्लियरिंग सिस्टम में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन इसका असर ज्यादा नहीं हुआ क्योंकि अब ज्यादातर लोग ऑनलाइन तरीके से पैसे भेजना पसंद करते हैं। बड़ी कंपनियां NEFT और RTGS का इस्तेमाल करती हैं और आम लोग शहरों में UPI के जरिए पैसे ट्रांसफर करते हैं। RBI के आंकड़ों के मुताबिक, पहले कोविड से पहले 2019 में हर महीने करीब 45 करोड़ चेक क्लियर होते थे, जो अब 20 से 30 करोड़ के बीच आ गए हैं। मतलब अब लोग चेक की जगह डिजिटल पेमेंट को ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। फिर भी, चेक क्लियरिंग में हो रही देरी से कई लोग परेशान हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें बताईं।
एक कंपनी ने लिखा कि RBI का नया नियम है कि चेक उसी दिन क्लियर होना चाहिए, लेकिन फिर भी कई चेक कई दिन से अटके हुए हैं। एक ग्राहक विवेक पांडे ने भी कहा कि उनका चेक तीन दिन तक क्लियर नहीं हुआ। जब वे बैंक गए तो ब्रांच मैनेजर ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से चेक क्लियरिंग में समस्या हो रही है और उन्हें इंतजार करना होगा। इससे पता चलता है कि भले ही ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं, लेकिन चेक क्लियरिंग सिस्टम में अभी भी सुधार की जरूरत है।
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