अटल पेंशन योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। इस योजना ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया कृतिमान स्थापित किया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के आंकड़ों के अनुसार अटल पेंशन योजना ने 7.65 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को जोड़ा है। यह आंकड़े न केवल योजना की लोकप्रियता को बताते हैं बल्कि यह भी प्रदर्शित करते हैं कि देश में भारतीय बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा के लिए कितने सजग हो रहे हैं। अटल पेंशन योजना पर एक नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोलकाता में 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और कम आय वाले नागरिकों के लिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में नियमित आय प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई। अटल पेंशन योजना की रिकॉर्ड तोड़ कामयाबी यह प्रदर्शित करती है कि असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी भी अपनी सरकारी योजना के माध्यम से रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं। अटल पेंशन योजना की बढ़ती लोकप्रियता वित्त वर्ष 2024-25 में अटल पेंशन योजना में 1.17 करोड़ से ज्यादा नए ग्राहक जुड़े हैं। बड़ी बात यह है कि इस योजना में अब तक 44780 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जमा हो चुका है। अटल पेंशन योजना की पात्रता केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में 18 साल से लेकर 40 साल तक की आयु के भारतीय नागरिक शामिल हो सकते हैं। योजना में शामिल लाभार्थियों को रिटायरमेंट के बाद यानी 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन प्राप्त हो सकती है। 7.65 करोड़ से अधिक लोगों को पेंशन का लाभ पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के अनुसार मार्च 2025 तक अटल पेंशन योजना ने 7.65 करोड़ से अधिक ग्राहकों को पेंशन सुरक्षा प्रदान करने के लिए जोड़ा है। अटल पेंशन योजना का दसवां वर्ष चल रहा है, जिसमें यह आंकड़े बड़ी उपलब्धि दर्शा रहे हैं। युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारीइस योजना में निवेश करने वाले ग्राहकों में 70% की उम्र 18 साल से 30 साल के बीच में है। इसके अलावा कुल ग्राहकों में 52% महिलाओं की संख्या है। यानी युवा अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए वित्तीय प्लानिंग में आगे हैं। वेव अटल पेंशन योजना को एक विश्वसनीय और बेहतरीन विकल्प मान रहे हैं। अटल पेंशन योजना में यह राज्य है अव्वल अटल पेंशन योजना के कुल सदस्यों में सबसे ज्यादा सदस्य उत्तर प्रदेश राज्य से हैं। जहां से एक करोड़ से अधिक नामांकन हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बाद अगला नंबर बिहार का है। इसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से भी लाखों नामांकन हुए हैं।दसवां वर्ष चल रहा है, जिसमें यह आंकड़े बड़ी उपलब्धि दर्शा रहे हैं।
You may also like
सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले हादी मतर को 25 साल की सज़ा
भारत पाक के बीच तनाव के बाद नेटफ्लिक्स डॉक्युमेंट्री अमेरिकन मैनहंट: ओसामा बिन लादेन के रिलीज़ ने लोगों को किय है रोमांचित....
गायत्री मंत्र पढ़ने का सबसे शुभ समय क्या है? 3 मिनट के वीडियो में जानिए कितनी बार जाप से मिलते है चमत्कारी फायदे
Dahaad Season 2: Sonakshi Sinha और Gulshan Devaiah की वापसी
एलपीजी पाइप को मुंह में डालकर आग लगा दी, दारोगा की बहन की बेरहमी से हत्या