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Quick Commerce इलेक्ट्रॉनिक्स डिलीवरी में Reliance और Tata, Zepto, Instamart और Blinkit के लिए बदल सकता है बाजार का खेल

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क्विक कॉमर्स अब सिर्फ ग्रॉसरी और फूड डिलीवरी तक सीमित नहीं रह गई है। अब इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी इसकी एंट्री हो गई है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलायंस रिटेल और टाटा ग्रुप जैसे बड़े प्लेयर्स के इसमें आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स की डिमांड क्विक कॉमर्स में तेजी से बढ़ सकती है। फिलहाल विजय सेल्स और संगीता मोबाईल्स जैसी कंपनियां अपने ऑफलाइन नेटवर्क वाले इलाकों में 30 मिनट से लेकर 2 घंटे के अंदर डिलीवरी की सुविधा दे रही हैं।



30 मिनट में स्मार्टफोन और लैपटॉप की डिलीवरीरिलायंस रिटेल ने अपने ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म JioMart पर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की क्विक डिलीवरी शुरू की है। कंपनी 30 मिनट के भीतर स्मार्टफोन, लैपटॉप, हेडफोन, किचन अप्लायंसेज, फैन और वॉटर हीटर जैसे "ग्रैब-एंड-गो" आइटम डिलीवर कर रही है। यह सेवा अभी देश के 10 शहरों में शुरू की गई है। रिलायंस रिटेल के CFO दिनेश तलूजा ने कहा, “हमारे स्टोर्स में मौजूद पूरी इलेक्ट्रॉनिक रेंज अब 30 मिनट में ग्राहकों तक पहुंचाई जा सकती है। यह क्विक कॉमर्स का अगला स्तर है।”



टाटा ग्रुप ने Croma और Big Basket को जोड़ाटाटा ग्रुप ने अपने इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर Croma को अपनी क्विक कॉमर्स वेंचर Big Basket के साथ जोड़ा है। इसकी शुरुआत बेंगलुरु से हुई है और जल्द ही इसे अन्य शहरों में भी बढ़ाया जाएगा। बिग बॉस्केट ने हाल ही में Apple का आधिकारिक रिसेलर बनने के बाद 10 मिनट में iPhone और अन्य प्रोडक्ट्स की डिलीवरी शुरू की है। Croma ने अपने ROC फाइलिंग में कहा, “Big Basket के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स की क्विक डिलीवरी के रिजल्ट्स पॉजिटिव रहे हैं। हम इसे अपने लिए एक प्रमुख ग्रोथ चैनल बनाना चाहते हैं।”



ग्राहक भी सुविधा के लिए अब ‘कंविनियंस प्राइस’ देने को तैयारएक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल चेन के CEO ने बताया, “ग्राहक अब ग्रॉसरी से लेकर गैजेट्स तक हर चीज तुरंत चाहते हैं। स्मार्टफोन और टैबलेट जैसी कैटेगरी में ईकॉमर्स पहले से मजबूत है, लेकिन अब कंज्यूमर्स इंस्टेंट डिलीवरी के लिए एक्सट्रा प्राइस देने को भी तैयार हैं।”



ई-कॉमर्स इलेक्ट्रॉनिक्स स्मार्टफोन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादाइंडस्ट्री रिसर्च फर्म NielsenIQ के अनुसार, ईकॉमर्स सेक्टर में इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री का बड़ा हिस्सा कुछ प्रमुख कैटेगरीज से आता है। स्मार्टफोन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 48 से 50% है, जबकि लैपटॉप और टैबलेट की हिस्सेदारी 40 से 42% के बीच है। टेलीविज़न की हिस्सेदारी लगभग 30%, वॉशिंग मशीन की 22 से 24%, रेफ्रिजरेटर की 18 से 20% और एयर कंडीशनर (AC) की हिस्सेदारी 12 से 15% के बीच है। इस समय इलेक्ट्रॉनिक्स की ऑनलाइन बिक्री में अमेजन और फ्लिपकार्ट का दबदबा सबसे ज्यादा है, जो मार्केट के बड़े हिस्से पर कब्जा बनाए हुए हैं।



लोकल रिटेलर्स भी दे रहे हैं टक्करसंगीथा मोबाइल्स ने उन बाजारों में 30 मिनट डिलीवरी सेवा शुरू की है जहां इसके फिजिकल स्टोर्स हैं। वहीं, विजय सेल्स बड़ी अप्लायंसेज जैसे फ्रिज, टीवी और वॉशिंग मशीन की दो घंटे में डिलीवरी कर रहा है। विजय सेल्स के डायरेक्टर नीलेश गुप्ता ने कहा, “बड़े अप्लायंसेज अभी भी ग्राहकों की तात्कालिक जरूरत नहीं हैं। लेकिन छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स में क्विक कॉमर्स तेजी से विकसित हो रहा है।”



Zepto और Blinkit की कोशिश छोटे प्रोडक्ट्स पर जेप्टो, स्विगी, इंस्टामार्ट और ब्लिंकिट जैसे क्विक कॉमर्स ऑपरेटर भी इलेक्ट्रॉनिक्स कैटेगरी में उतर चुके हैं। हालांकि एसी और फ्रिज जैसे बड़े प्रोडक्ट्स की शुरुआती कोशिशें सफल नहीं रहीं। अब उनका फोकस स्मार्टफोन, किचन गैजेट्स, पर्सनल केयर इलेक्ट्रॉनिक्स और एक्सेसरीज जैसे छोटे प्रोडक्ट्स पर है।

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