नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से खामोश चल रहे डिफेंस पीएसयू कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड अर्थात एचएएल के शेयरों में 10 अगस्त दिन बुधवार को 2.01% की तेजी देखने को मिली है। जिसके चलते शेयर का भाव 4550 रुपए के उंचे लेवल पर पहुंच गया है। मंगलवार को शेयर 4454 रुपए के लेवल पर बंद हुआ था। अब आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा आज Hindustan Aeronautics Ltd शेयर में तेजी क्यों आई? चलिए आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह–
असल में हुआ यह है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन या इसरो, इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के एग्रीमेंट पर साइन किया है। यह एग्रीमेंट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स कंपनी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
इस टेक्नोलॉजी के मिल जाने के बाद HAL कंपनी इसका इस्तेमाल करके रॉकेट लॉन्च कर सकती है। खास बात ये टेक्नोलॉजी पाने वाली भारत की इकलौती कंपनी है।
क्या है टेक्नोलॉजी?स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी तीन स्टेज में व्हीकल के जरिए सैटेलाइट को कम से कम 500 किलोमीटर ऊपर के लोअर अर्थ आर्बिट में लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल किया जता है। इस एग्रीमेंट के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को अगले 2 साल इस टेक्नोलॉजी को अच्छी तरह से समझेगा और इसकी कार्य प्रणाली को सीखेगा फिर कंपनी 10 साल की प्रोडक्शन चरण की ओर आगे बढ़ेगा।
इस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, क्वालिटी कंट्रोल, इंटीग्रेशन, लॉन्च ऑपरेशंस, पोस्ट फ्लाइट एनालिसिस, ट्रेंनिंग और सपोर्ट दिया जाएगा।
डॉमेस्टिक ओर इंटरनेशनल डिमांड्स को पूरा करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को SSLV के उत्पादन के काम को संभालने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का शेयर पिछले 6 महीने में निवेशकों को 33% का रिटर्न दिया है हालांकि पिछले 3 महीने के आधार पर शेयर में करीब 8% की गिरावट देखने को मिली है वहीं पिछले 1 महीने में मात्र 2% का रिटर्न देखने को मिला है
(एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
असल में हुआ यह है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन या इसरो, इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के एग्रीमेंट पर साइन किया है। यह एग्रीमेंट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स कंपनी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
इस टेक्नोलॉजी के मिल जाने के बाद HAL कंपनी इसका इस्तेमाल करके रॉकेट लॉन्च कर सकती है। खास बात ये टेक्नोलॉजी पाने वाली भारत की इकलौती कंपनी है।
क्या है टेक्नोलॉजी?स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी तीन स्टेज में व्हीकल के जरिए सैटेलाइट को कम से कम 500 किलोमीटर ऊपर के लोअर अर्थ आर्बिट में लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल किया जता है। इस एग्रीमेंट के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को अगले 2 साल इस टेक्नोलॉजी को अच्छी तरह से समझेगा और इसकी कार्य प्रणाली को सीखेगा फिर कंपनी 10 साल की प्रोडक्शन चरण की ओर आगे बढ़ेगा।
इस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, क्वालिटी कंट्रोल, इंटीग्रेशन, लॉन्च ऑपरेशंस, पोस्ट फ्लाइट एनालिसिस, ट्रेंनिंग और सपोर्ट दिया जाएगा।
डॉमेस्टिक ओर इंटरनेशनल डिमांड्स को पूरा करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को SSLV के उत्पादन के काम को संभालने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का शेयर पिछले 6 महीने में निवेशकों को 33% का रिटर्न दिया है हालांकि पिछले 3 महीने के आधार पर शेयर में करीब 8% की गिरावट देखने को मिली है वहीं पिछले 1 महीने में मात्र 2% का रिटर्न देखने को मिला है
(एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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