नई दिल्ली: होटल्स चलाने वाली मिडकैप कंपनी ITC Hotels Ltd के स्टॉक में सोमवार को गिरावट देखने को मिल रही है. इसका कारण यह है कि ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल ने स्टॉक को बेचने की सलाह दी है. सोमवार को स्टॉक गिरावट के साथ खुला और ख़बर लिखे जाने तक भी कंपनी के शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे. वहीं एफआईआई ने भी स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी को कम किया है.
ब्रोकरेज ने दी बेचने की सलाहब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज ने स्टॉक पर कवरेज शुरू की है. उन्होंने स्टॉक को बेचने की सलाह दी है, जिसके लिए ब्रोकरेज ने 215 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है.
ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी की वृद्धि शॉर्टटर्म में सीमित रहेगी, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2028 तक कंपनी के किसी नए प्रोजेक्ट या एसेट्स का संचालन शुरू होने की उम्मीद नहीं है.
आईटीसी होटल्स के पास वर्तमान में 140 होटल हैं जिनमें लगभग 13,500 कमरे हैं. इनमें से लगभग 60% कमरे लक्ज़री कैटेगरी के हैं. पिछले 20 सालों में, इसने अपनी संपत्तियों में 5,500 कमरों का एक मज़बूत पोर्टफोलियो बनाया है. हालाँकि, भविष्य में विकास के लिए, जेएम फाइनेंशियल के अनुसार, इसकी योजना 2030 तक 200 से ज़्यादा होटलों और 20,000 कमरों तक विस्तार करने के लिए एसेट-लाइट मॉडल का इस्तेमाल करने की है.
कंपनी का EBITDA 2023 से 2025 तक प्रति वर्ष औसतन 22% की दर से बढ़ा है. हालांकि, जेएम फाइनेंशियल को उम्मीद है कि 2025 और 2028 के बीच यह वृद्धि दर धीमी होकर 13% प्रति वर्ष हो जाएगी, और इसी अवधि के दौरान रेवेन्यू में 11% प्रति वर्ष की वृद्धि होने की उम्मीद है.
जेएम फाइनेंशियल ने कहा कि इस वृद्धि को एवरेज डेली रेट (प्रतिदिन होटल के कमरों की औसत कीमत) में लगभग 7% की वृद्धि और कंपनी की श्रीलंका की प्रोपर्टी के बेहतर प्रदर्शन से सपोर्ट मिलेगा.
आईटीसी होटल्स का कैश फ्लो मज़बूत है, जिससे उसे अन्य कंपनियों को खरीदकर तेज़ी से बढ़ने में मदद मिल सकती है. हालाँकि, ब्रोकरेज का मानना है कि यह विकास क्षमता पहले से ही मौजूदा शेयर मूल्य में शामिल है, जो वित्तीय वर्ष 2027 के लिए अपेक्षित आय का 30 गुना है.
जेएम फाइनेंशियल ने कंपनी का वैल्यूएशन जून 2027 के लिए उसके अपेक्षित EBITDA का 25 गुना लगाया है. यह वैल्यूएशन इंडियन होटल्स को दिए गए टारगेट वैल्यूएशन से 15% कम है.
एफआईआई ने घटाई हिस्सेदारीकंपनी के स्टॉक में एफआईआई भी अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 25.37% से घटाकर 25.36% कर दिया है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
ब्रोकरेज ने दी बेचने की सलाहब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज ने स्टॉक पर कवरेज शुरू की है. उन्होंने स्टॉक को बेचने की सलाह दी है, जिसके लिए ब्रोकरेज ने 215 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है.
ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी की वृद्धि शॉर्टटर्म में सीमित रहेगी, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2028 तक कंपनी के किसी नए प्रोजेक्ट या एसेट्स का संचालन शुरू होने की उम्मीद नहीं है.
आईटीसी होटल्स के पास वर्तमान में 140 होटल हैं जिनमें लगभग 13,500 कमरे हैं. इनमें से लगभग 60% कमरे लक्ज़री कैटेगरी के हैं. पिछले 20 सालों में, इसने अपनी संपत्तियों में 5,500 कमरों का एक मज़बूत पोर्टफोलियो बनाया है. हालाँकि, भविष्य में विकास के लिए, जेएम फाइनेंशियल के अनुसार, इसकी योजना 2030 तक 200 से ज़्यादा होटलों और 20,000 कमरों तक विस्तार करने के लिए एसेट-लाइट मॉडल का इस्तेमाल करने की है.
कंपनी का EBITDA 2023 से 2025 तक प्रति वर्ष औसतन 22% की दर से बढ़ा है. हालांकि, जेएम फाइनेंशियल को उम्मीद है कि 2025 और 2028 के बीच यह वृद्धि दर धीमी होकर 13% प्रति वर्ष हो जाएगी, और इसी अवधि के दौरान रेवेन्यू में 11% प्रति वर्ष की वृद्धि होने की उम्मीद है.
जेएम फाइनेंशियल ने कहा कि इस वृद्धि को एवरेज डेली रेट (प्रतिदिन होटल के कमरों की औसत कीमत) में लगभग 7% की वृद्धि और कंपनी की श्रीलंका की प्रोपर्टी के बेहतर प्रदर्शन से सपोर्ट मिलेगा.
आईटीसी होटल्स का कैश फ्लो मज़बूत है, जिससे उसे अन्य कंपनियों को खरीदकर तेज़ी से बढ़ने में मदद मिल सकती है. हालाँकि, ब्रोकरेज का मानना है कि यह विकास क्षमता पहले से ही मौजूदा शेयर मूल्य में शामिल है, जो वित्तीय वर्ष 2027 के लिए अपेक्षित आय का 30 गुना है.
जेएम फाइनेंशियल ने कंपनी का वैल्यूएशन जून 2027 के लिए उसके अपेक्षित EBITDA का 25 गुना लगाया है. यह वैल्यूएशन इंडियन होटल्स को दिए गए टारगेट वैल्यूएशन से 15% कम है.
एफआईआई ने घटाई हिस्सेदारीकंपनी के स्टॉक में एफआईआई भी अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 25.37% से घटाकर 25.36% कर दिया है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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