सोशल मीडिया पर लोग अपने अनुभव साझा करते हैं, जिनमें से कुछ को सराहा जाता है और कुछ को आलोचना का सामना करना पड़ता है। हाल ही में, भारतीय मूल के सीईओ रवि अबुवाला ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले चार वर्षों में बर्तन नहीं धोए हैं। इस बयान के चलते उन्हें सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। रवि का कहना है कि उनका समय अत्यंत मूल्यवान है।
रवि ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि उन्होंने चार साल में बर्तन नहीं धोए। उनका तर्क है कि वे घरेलू कामों की तुलना में 'हाई वैल्यू' कार्यों को प्राथमिकता देते हैं। उनका यह पोस्ट लिंक्डइन पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने लिखा कि, 'मैंने 4 साल से बर्तन नहीं धोए, इसका मतलब यह नहीं कि मैं आलसी हूं। मेरा समय 5,000 डॉलर प्रति घंटे के बराबर है।'
उन्होंने यह भी बताया कि बर्तन धोने में एक घंटे का समय लगता है, जिससे केवल 15 डॉलर की बचत होती है। जबकि उनका समय 5,000 डॉलर प्रति घंटे का है। इसलिए, वे बर्तन धोने जैसे कार्यों में समय बर्बाद करने के बजाय कुछ अधिक उत्पादक करना पसंद करते हैं।
प्रतिक्रियाओं का मिला-जुला असर
इस पोस्ट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं। कुछ लोग रवि के दृष्टिकोण से सहमत हैं, जबकि अन्य ने इसकी आलोचना की है। एक यूजर ने टिप्पणी की कि यह एक अच्छा दृष्टिकोण है और वे सहमत हैं। उन्होंने कहा कि कई कार्य ऐसे हैं, जिन्हें AI या अन्य कर्मचारियों द्वारा किया जा सकता है। वे अपने समय को महत्व देते हैं और इसे कुछ उत्पादक करने की कोशिश करते हैं।
वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा कि सोना बंद करो, क्योंकि सोने से 0 डॉलर प्रति घंटे की कमाई होती है। एक और यूजर ने लिखा कि हर चीज को उसके डॉलर मूल्य से नहीं मापा जा सकता और न ही ऐसा करना चाहिए।
You may also like
Wild fashion sense: इन 7 भारतीय हसीनाओं के लेपर्ड प्रिंट लुक्स ने लगाई आग! तमन्ना से मलाइका तक, देखें कौन है सबसे हॉट
सुबह खाली पेट इस चमत्कारी पत्ते का सेवन, पुराने रोगों का जड़ से होगा खात्मा
Justice Yashwant Verma पर FIR की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, 'राष्ट्रपति-PM को कार्रवाई करनी होगी' वाली दलील भी बेअसर
भोपाल-इंदौर मेट्रो पर संकट के बादल? तुर्की की बड़ी कंपनी पर क्यों टिकी हैं जांच एजेंसियों की निगाहें?
India-Pakistan dispute: भारत ने 8 दिन में दूसरे पाकिस्तानी अफसर को देश छोड़ने का फरमान सुनाया