मुंबई, 11 मई (आईएएनएस)। 'मदर्स डे' पर अभिनेत्री सेलिना जेटली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया और अपनी दिवंगत मां को नायिका बताते हुए कहा कि वह कई सैनिकों की पत्नियों के लिए एक मजबूत सहारा थीं। वह उनका मनोबल बढ़ाती थीं।
मां के संघर्षों के बारे में बताते हुए सेलिना ने साझा किया कि सैनिक की जिंदगी आसान नहीं होती। उनके पति एक इन्फैंट्री ऑफिसर थे, जिन्हें अक्सर फील्ड पोस्टिंग पर जाना पड़ता था। इसके बावजूद, मीता ने अपने शैक्षणिक सपनों को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने साइकोलॉजी में डॉक्टरेट के साथ-साथ दो मास्टर्स डिग्री हासिल कीं। उनके साहस और मेहनत ने कई सैनिकों की पत्नियों को प्रेरित किया, जिन्होंने उनके उदाहरण से यह सीखा कि वे भी पढ़-लिख सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं।
अपने माता-पिता के साथ एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए सेलिना ने कैप्शन में लिखा, ''एक बहादुर सैनिक पत्नी को मदर्स डे की शुभकामनाएं, मेरी दिवंगत मां मीता जेटली.. हमारी मां बनने से पहले, वह एक सैनिक की बेटी और एक सैनिक की पत्नी थीं। इन्फैंट्री ऑफिसर के रूप में मेरे पिता की अलग-अलग जगहों पर तैनातियां अक्सर होती रहती थीं, फिर भी मेरी मां ने शिक्षा नहीं छोड़ी और साइकोलॉजी में डॉक्टरेट के साथ-साथ दो मास्टर्स डिग्रियां भी हासिल कीं। सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि उन्होंने अपने करियर को त्यागकर एक सामान्य स्कूल टीचर बनने का फैसला लिया, यह उन्होंने किसी मजबूरी में नहीं, बल्कि अपने परिवार, पति के लिए और सेवा के भाव से किया।"
उन्होंने आगे लिखा, "एक बेहद खूबसूरत महिला, जिन्होंने अपनी जवानी का एक बड़ा हिस्सा अपने पति का इंतजार करते हुए बिता दिया, जो अपने घर से ज्यादा अपनी वर्दी की ड्यूटी पर थे। कमांडिंग ऑफिसर की पत्नी के रूप में लंबे समय तक अकेले रहना, बिना कुछ कहे चिंता और डर झेलना, अलविदा का भारी बोझ, यह सब उन्होंने मजबूती से सहा। उन्होंने कई सैनिकों की पत्नियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया और याद दिलाया कि उनका साहस और बुद्धि किसी भी युद्ध के मैदान के बराबर ताकत है। एक सैनिक की पत्नी की बहादुरी पत्नी मेडल या परेड से नहीं मापी जाती है, बल्कि उन खामोश लड़ाइयों से मापी जाती है जो वह घर पर, अकेले, परिवार को जोड़कर, दिलों को संभालकर लड़ती है। 80 और 90 के दशक में एक सैनिक के मामूली वेतन पर उन्होंने हमें गरिमा और शालीनता के साथ पाला और साबित किया कि असल अमीरी पैसे की नहीं होती, बल्कि प्यार, चरित्र और मूल्यों से होती है।''
पोस्ट के आखिर में उन्होंने लिखा, "हमारे देश के लिए हर सैनिक की पत्नी का योगदान कभी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। एक सैनिक चाहे कितना भी बहादुर क्यों न हो, उसे भी एक ऐसे प्यार और समर्थन की जरूरत होती है जो अडिग और अटूट हो, जो उसे बिना किसी हिचकिचाहट के अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान करना सिखाए। मैं अपनी मां मीता जेटली के आगे अपना सिर झुकाती हूं, जो एक असाधारण प्रतिभा, सुंदरता और एक ऐसी महिला थीं जिन्हें न तो जीवन की कठिनाइयां और न ही समय कभी तोड़ सकता था। आप हमारे दिलों की धड़कन हैं। हैप्पी मदर्स डे, मां…।"
--आईएएनएस
पीके/एएस
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