
हाल के दिनों में, Reels ने लोगों की सोच और नैतिकता को किस तरह प्रभावित किया है, इसका एक उदाहरण एक वायरल वीडियो से स्पष्ट होता है।
इस वीडियो में एक माता-पिता अपने बच्चे के साथ लेटे हुए हैं। बच्चा लाइट को बंद और फिर चालू करता है, और अचानक माँ अपने पति के ऊपर इस तरह दिखाई देती है कि दृश्य को जानबूझकर आपत्तिजनक और अश्लील तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
विडंबना यह है कि इस प्रकार की रीलें अब 'कॉमेडी' के नाम पर लाखों व्यूज़ प्राप्त कर रही हैं।
लेकिन क्या कोई यह सोच रहा है कि इस बच्चे की मानसिकता पर इसका क्या असर पड़ेगा?
क्या कोई यह समझ रहा है कि माता-पिता अपने बच्चे को इस तरह के दृश्य में शामिल कर रहे हैं?
यह ट्रेंड मूलतः विदेशी Reels से प्रेरित है, जहाँ “shock value” को सामग्री की आत्मा माना जाता है।
लेकिन भारत जैसे देश में, जहाँ परिवार, संस्कार और मर्यादा को प्राथमिकता दी जाती है — वहाँ इस तरह की वीडियो न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि समाज के लिए खतरनाक संकेत भी हैं।
क्या हम नैतिकता और बचपन को कंटेंट के नाम पर बलि चढ़ा रहे हैं?
यह सवाल हर रचनाकार, दर्शक और माता-पिता को खुद से पूछना चाहिए।
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