एक बांग्लादेशी महिला हाल ही में भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करने के मामले में पकड़ी गई है। पूछताछ के दौरान, उसने एक ऐसे नेटवर्क का खुलासा किया है जो वर्षों से विदेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पहचान पत्र प्रदान कर उन्हें देश में बसाने का काम कर रहा है.
फर्जी दस्तावेजों का जाल
सूत्रों के अनुसार, अल्ताफ ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक पहले एजेंटों के माध्यम से पश्चिम बंगाल में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाते हैं। इसके बाद, आधार कार्ड तैयार किए जाते हैं। जैसे ही ये दस्तावेज तैयार होते हैं, घुसपैठियों को भारत के विभिन्न शहरों में भेज दिया जाता है, जहां वे आम नागरिकों की तरह अपनी पहचान छुपाकर रहने की कोशिश करते हैं.
प्रेम जाल का इस्तेमाल
इस गिरोह की एक प्रमुख रणनीति प्रेम जाल बिछाकर विवाह करना भी है। अल्ताफ शेख ने स्वीकार किया कि महिला घुसपैठिए विशेष रूप से हिन्दू पुरुषों को निशाना बनाती हैं, जबकि पुरुष घुसपैठिए हिन्दू लड़कियों से शादी कर स्थायी रूप से भारत में रहने का प्रयास करते हैं.
मंजू शर्मा का मामला
अल्ताफ शेख ने भी इसी तरीके का इस्तेमाल किया। वह पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसी, फर्जी दस्तावेज बनवाए और फिर मुंबई पहुंचकर पुरुषोत्तम प्रसाद शर्मा से मिली। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और जल्द ही उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद, वह मंजू शर्मा नाम से कई वर्षों तक भारत में रह रही थी। उसका आधार कार्ड भी पुरुषोत्तम ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बनवाया था. पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट की जड़ें देश के कई अन्य राज्यों में फैली हो सकती हैं.
बांग्लादेशियों की वापसी
पिछले तीन महीनों में, मुंबई पुलिस ने लगभग 1000 बांग्लादेशी नागरिकों को देश से वापस भेजा है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और पुलिस को इस गिरोह से जुड़े और भी नामों के सामने आने की उम्मीद है.
You may also like
Budh Ketu Yuti: 2 दिन में बनेगा बुध-केतु का योग; इन राशियों को मिलेगा आर्थिक लाभ, जानें कहीं आपकी राशि तो नहीं
Bank Holiday: जाने सितंबर महीने में कितने दिन बैंक रहने वाले हैं बंद, बैंक जाने से पहले देख ले कैलेंडर
Bihar Assembly Elections: इतनी-इतनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जेडीयू और बीजेपी!
सहेली ने बहाने से बुलाया, अली ने युवती से किया रेप, वीडियो बनाकर दी धमकी
यूपी के वाराणसी में बाढ़ से बिगड़े हालात, घाटों के बजाय छतों पर हो रहा है शवदाह, निचले इलाकों में भरा पानी