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आरबीआई की रेपो दर में कटौती से सस्ते होम लोन की उम्मीद

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सस्ते होम लोन का तोहफा

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सरकार ने जीएसटी दरों में कमी करके आम लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं को सस्ता कर दिया है। खाद्य पदार्थों से लेकर कपड़ों और बीमा तक की कीमतें घट गई हैं। अब, एक और राहत की उम्मीद है, जो आपके घर से संबंधित है। आरबीआई जल्द ही रेपो रेट में कटौती कर सस्ते होम लोन की पेशकश कर सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, इस वर्ष आरबीआई 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जिससे लोन की ब्याज दरें कम होंगी। अक्टूबर में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने वाली है, जिससे यह संभावना है कि जीएसटी में कटौती के बाद अब सस्ते मकान का तोहफा भी मिल सकता है।

कम हो सकते हैं होम लोन के दाम

आने वाले समय में खुदरा महंगाई दर में कमी की उम्मीद है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती करने का अवसर मिल सकता है। यह जानकारी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी, जीएसटी में कटौती और इनपुट मूल्य दबावों में कमी के कारण महंगाई दर में नरमी बनी रह सकती है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में हेडलाइन महंगाई दर औसतन 2.4 प्रतिशत रहेगी, जिससे आरबीआई अक्टूबर और दिसंबर में प्रत्येक में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकेगा। पिछले सात महीनों से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे चल रही है, जिसका एक कारण खाद्य कीमतों में गिरावट भी है। हालांकि, मुख्य महंगाई दर 4.2 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कम महंगाई दर का यह ट्रेंड कई कारकों के संयोजन से प्रेरित है, जिनमें खाद्य कीमतों में लगातार नरमी और बेहतर फसल उत्पादन शामिल हैं। जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से समग्र मूल्य स्तरों में गिरावट का रुझान रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हेडलाइन महंगाई दर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में औसतन 2.6 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पूरे वित्त वर्ष में यह 2.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। जीएसटी सुधारों के कारण घरेलू मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, टैरिफ के कारण विदेशी मांग पर असर पड़ सकता है.


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