पढ़ाई करते समय यदि वातावरण शांत और सकारात्मक नहीं है, तो ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पढ़ाई के लिए सही दिशा का चयन करना आवश्यक है।
सही दिशा में बैठकर पढ़ाई करना महत्वपूर्ण है। वास्तु के अनुसार, हर दिशा की अपनी ऊर्जा होती है। गलत दिशा में बैठने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है, जिससे पढ़ाई में बाधा आती है।
उत्तर दिशा में पढ़ाई करना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान और एकाग्रता के लिए लाभकारी होती है। उत्तर दिशा में पढ़ने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और ज्ञान में वृद्धि होती है।
पूर्व दिशा भी पढ़ाई के लिए उपयुक्त मानी जाती है, क्योंकि यह सूर्य की दिशा है और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। इस दिशा में पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
उत्तर-पूर्व दिशा को पढ़ाई के लिए सबसे उत्तम माना गया है। यह दिशा देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है।
दक्षिण दिशा में पढ़ाई करना वास्तु के अनुसार गलत है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है। इस दिशा में पढ़ने से ध्यान भटकता है।
यदि उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में पढ़ाई करना संभव न हो, तो पश्चिम दिशा में पढ़ाई की जा सकती है।
पढ़ाई के स्थान का साफ-सुथरा होना भी आवश्यक है। अध्ययन कक्ष और टेबल को व्यवस्थित रखना चाहिए। सकारात्मक चित्र या पेंटिंग्स भी अध्ययन के लिए लाभकारी होती हैं।
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