नई दिल्ली। लखनऊ के डालीगंज में रहने वाले सैयद अहमद अंसारी का घर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह उनकी बेटी डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी है, जो दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी नेटवर्क से कथित संबंधों के आरोप में पकड़ी गई हैं। इस हमले में दस लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए हैं।
इस भयानक घटना और शाहीन की गिरफ्तारी के बाद, उनके परिवार ने कई बातें साझा की हैं। शाहीन के बड़े भाई, पिता और पूर्व पति ने स्पष्ट किया है कि उन्हें कभी भी इस बात का संदेह नहीं था कि वह किसी अवैध गतिविधि में शामिल हैं।
डॉ. शाहीन पर आरोप है कि वह भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा का संचालन कर रही थीं। इस मामले में उनके भाई शोएब ने कहा, 'हमारा उससे कोई संपर्क नहीं था। हमारी आखिरी बातचीत चार साल पहले हुई थी, और माता-पिता कभी-कभार उसकी खबर लेते थे।'
जब शोएब से पूछा गया कि क्या वह कभी शाहीन के घर गए हैं, तो उन्होंने कहा, 'नहीं, मैं वहां कभी नहीं गया। मुझे बस इतना पता था कि आईआईएम रोड पर कहीं उसका घर है। मुझे उसकी सही जगह भी नहीं पता।'
परिवार को शाहीन के आतंकी कनेक्शन पर विश्वास नहीं है। उनके पिता ने कहा, 'मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मेरी बेटी ऐसी गतिविधियों में शामिल थी।' अंसारी ने बताया कि शाहीन ने इलाहाबाद में मेडिकल की पढ़ाई की और बाद में फरीदाबाद में काम किया। उन्होंने शाहीन से लगभग एक महीने पहले बात की थी और उन्हें उसकी गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
इस मामले में डॉ. शाहीन के पूर्व पति डॉ. जफर हयात से भी पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें मंगलवार शाम को ही शाहीन की गिरफ्तारी के बारे में पता चला।
डॉ. हयात ने बताया कि उनकी शादी नवंबर 2003 में हुई थी, जबकि दोनों उस समय मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। उनका तलाक 2012 के अंत में हुआ। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शाहीन के दिमाग में क्या चल रहा था। उनके बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं। वह अपने परिवार और बच्चों से बहुत जुड़ी हुई थीं और उनकी पढ़ाई का ध्यान रखती थीं।
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