केंद्रीय कर्मचारियों की बड़ी मांग पूरी हो गई है। दरअसल, सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दो नए निवेश विकल्पों- ‘लाइफ साइकल’ और ‘बैलेंस्ड लाइफ साइकल’ को मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि ये विकल्प सेवानिवृत्ति योजना में लचीलापन बढ़ाने और कर्मचारियों को व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के अनुरूप अपने सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने की अनुमति देने के लिए तैयार किए गए हैं। बता दें कि यह फैसला केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करता है। उनकी मांग थी कि उन्हें भी गैर-सरकारी कर्मचारियों की तरह इन पेंशन योजनाओं में अधिक निवेश विकल्प दिए जाएं।
क्या हैं दो विकल्प?
एनपीएस और यूपीएस के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारी अब कई निवेश विकल्पों में से चुन सकते हैं। एक डिफॉल्ट विकल्प है जो समय-समय पर पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा परिभाषित निवेश का ‘डिफॉल्ट पैटर्न’ है। दूसरा विकल्प स्कीम-जी है जिसमें कम जोखिम, निश्चित रिटर्न के लिए 100 प्रतिशत निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में होगा। बता दें कि एनपीएस की शुरुआत साल 2004 में हुई थी तो यूपीएस को 2004 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी। अप्रैल 2025 से यूपीएस को मंजूरी मिली।
लाइफ साइकल विकल्प में क्या है?
लाइफ साइकल (एलसी-25) विकल्प के तहत अधिकतम इक्विटी आवंटन 25 प्रतिशत है, जो 35 वर्ष की आयु से 55 वर्ष की आयु तक धीरे-धीरे कम होता जाता है, जबकि एलसी-50 विकल्प में अधिकतम इक्विटी आवंटन सेवानिवृत्ति कोष के 50 प्रतिशत तक सीमित है। इसी तरह, बैलैंड लाइफ साइकल (बीएलसी) विकल्प एलसी50 का ही एक संशोधित संस्करण है, जिसमें इक्विटी आवंटन 45 वर्ष की आयु से कम होता जाता है ताकि कर्मचारी लंबी अवधि के लिए इक्विटी में निवेश कर सकें। वहीं एलसी75 विकल्प में अधिकतम इक्विटी आवंटन 75 प्रतिशत है, जो 35 वर्ष की आयु से 55 वर्ष की आयु तक धीरे-धीरे कम होता जाता है।
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