नई दिल्ली। मुसलमानों में खतना एक धार्मिक संस्कार माना जाता है। इसमें मुस्लिम पुरुषों के लिंग के अगले हिस्से के त्वचा को हटा दिया जाता है। यह इस्लाम में सुन्नत माना जाता है तो इस वजह से हर मुस्लिम ये करवाता है।सोशल मीडिया पर खतना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे शेयर करके कहा जा रहा है कि खतना करवाने से पहले मुस्लिम बच्चों को ऐसे ही तैयार किया जाता है। हालंकि इसमें कितनी सच्चाई है या फिर रील्स के तौर पर बनाया गया है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
तैयार करके हलाल कर दिया वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि छोटे बच्चे को पहले नहा धोकर तैयार किया जाता है। फिर उसे शेरवानी पहना देते हैं, जूते पहनाते हैं। उसे ऐसे ही तैयार किया जाता है, जैसे शादी में दूल्हा तैयार होता है। फिर बच्चे को सब उठाकर ले जाते हैं। दूसरे वीडियो में दिखता है कि एक जगह काफी सारा औजार रखा हुआ है। फिर बच्चे को सब पकड़ लेते हैं और उसका खतना करा देते हैं। वीडियो को देखकर बच्चे को लोग प्यार दे रहे हैं।
कितना जरूरी है खतनाखतना एक लैटिन शब्द है। इसका अर्थ होता है काटना। खतना शब्द को लेकर इस्लाम में यह दलील दी जाती है कि इससे प्राइवेट अंग की साफ़-सफाई रहती है। किसी व्यक्ति का खतना हुआ रहता है तो उसे लिंग की चमड़ी हटी हुई रहे है। इसमें लिंग के ऊपर कोई ऐसी चीज नहीं रहती, जिससे उसमें यूरिन या स्पर्म फंस सके। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । कुछ लोग बच्चे के जन्म के 7 दिन बाद ही उसका खतना कर देते हैं। वहीं कुछ लोग बच्चे की उम्र 7 साल होने पर उसका खतना करवा देते हैं। कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी है जहाँ पर बच्चा जब कुरान पढ़ने लगता है तब उसका खतना कराते हैं।
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