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'मैं उसका पहला मरीज, वो मेरी आखिरी डॉक्टर, 13 दिन का ड्रामा…', इंजीनियर ने होटल में किया सुसाइड, पेन ड्राइव में छोड़ा अटपटा नोट

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Meerut Engineer Suicide Case In Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक इंजीनियर ने होटल के कमरे में फंदे से लटककर जान दे दी. युवक की पहचान मेरठ निवासी रोहित के रूप में हुई. उसने पेन ड्राइव में सुसाइड नोट छोड़ा है. इसमें उसने अपनी इच्छा की एक सूची भी बनाकर डाली है. मामला पचकुइयां (लोहामंडी) स्थित होटल खूबसूरत का है.

यहां रविवार की रात मेरठ के एक इंजीनियर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. अगले दिन जब होटल स्टाफ को शक हुआ तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया. मगर अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. फिर पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पुलिस पहुंची. दरवाजा तोड़ा गया. अंदर इंजीनियर का शव पंखे से लटकता मिला. यह देख सभी हक्का-बक्का रह गए. तुरंत शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. शव को पास मिले पेन ड्राइव को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया.

पेन ड्राइव को खंगाला गया तो उसमें काफी अटपटी चीजें मिलीं. पीडीएफ फाइल में सुसाइड नोट मिला. युवक की पहचान 31 वर्षीय रोहित पुत्र सुखदेव चंद के रूप में हुई. वह मेरठ के शिवरामपुरम, गोलाबाग रोहटा मार्ग का रहने वाला था. पुलिस ने उसके पिता को फोन मिलाया तो पता चला कि उसने गाजियाबाद से इंजीनियरिंग की थी. वह अविवाहित था और करीब पौने दो साल पहले उसकी मां का देहांत हो गया था. वह और बेटा ही घर में रहते थे. उनका बड़ा बेटा आईआईटी मुंबई से पढ़ा है और साइंटिस्ट है.

बड़े बेटे व दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. पिता ने बताया कि रोहित दस जुलाई से घर से बाहर था. उन्हें यह नहीं बताया था कि कहां जा रहा है. पिता ने बताया कि वह पुलिस विभाग से रिटायर हैं. पुलिस ने होटल में जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

13 दिन का ड्रामा बिल्कुल मत करना घर पर

एसीपी लोहामंडी ने बताया कि रोहित के सुसाइड नोट से भी खुदकुशी की वजह साफ नहीं हुई है. उसने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. रोहित रविवार की शाम होटल में रहने आया था. सुसाइड नोट में इच्छा सूची कॉलम में मोहित का नंबर और दो मोबाइल नंबर लिखे हैं. दोनों नंबर विदेशी हैं. नीचे लिखा है कुछ करने की जरूरत नहीं है. मैं जैसे गायब हूं वैसे ही रहने दो. मुझे कोई ड्रामा नहीं चाहिए. 13 दिन का ड्रामा करने की कोई जरूरत नहीं है. रिश्तेदारों को कुछ बताने की जरूरत नहीं है.

मैं उसका पहला मरीज, वो मेरी आखिरी डॉक्टर

सुसाइड नोट के एक कॉलम में लिखा है अगर लास्ट टाइम यू टर्न मारना होता तो डॉक्टर बचा लेती. उसका पहला मरीज मैं और वह मेरी आखिरी डॉक्टर है. मेरा शरीर एसएन मेडिकल कॉलेज को दान कर दें. संभव हो सके तो अंगदान करें. यह सब लिखा क्योंकि मैं गायब हो सकता हूं मगर मेरी बॉडी नहीं. सुसाइड नोट इंग्लिश और रोमन में लिखा है. पुलिस ने कहा- पेन ड्राइव ती फाइल का नाम मोहित पीडीएफ है. पेन ड्राइव में मिला रोहित का सुसाइड नोट स्पष्ट नहीं है. वह खुदकुशी क्यों कर रहा है, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है. सुसाइड नोट में सबसे पहली लाइन में उसने एसएन मेडिकल कॉलेज और एक महिला डॉक्टर का नाम और नंबर लिखा है. आगे लिखा है कि किसी को जांच करने की जरूरत नहीं है. यह मेरा निर्णय है.

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