नेशनल डेस्क: गुजरात के बनासकांठा जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां कर्ज में डूबे एक व्यवसायी ने बीमा की रकम हासिल करने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी गढ़ डाली। इस साजिश के तहत उसने पुलिस को गुमराह करने और अपने परिवार को एक करोड़ 23 लाख रुपये का बीमा दावा दिलाने की कोशिश की। हालांकि, बनासकांठा पुलिस ने मामले की गहराई से जांच कर उसकी योजना को नाकाम कर दिया।
घटना की शुरुआत वडगाम इलाके में एक कार के जलने की सूचना से हुई। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो कार में एक शव पूरी तरह से जला हुआ पाया गया। शुरुआती जांच में यह माना गया कि ड्राइवर आग की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। वाहन के पंजीकरण नंबर के आधार पर शव की पहचान दलपत सिंह परमार के रूप में की गई, और परिवार ने भी इसे स्वीकार कर लिया।
हालांकि, घटनास्थल से मिले सुरागों और फॉरेंसिक जांच ने एक अलग कहानी उजागर की। जांच में पता चला कि शव दलपत का नहीं था। इसके बाद पुलिस ने दलपत के तीन साथियों को हिरासत में लिया और पूछताछ के दौरान पूरी साजिश सामने आई।
पुराने शव का इस्तेमाल कर रची साजिश दलपत, जो होटल व्यवसायी है, ने अपने भारी कर्ज को चुकाने के लिए इस साजिश को अंजाम दिया। उसने चार महीने पहले मृत एक व्यक्ति के शव को कब्र से निकालकर अपनी कार में ड्राइविंग सीट पर रखकर आग लगा दी। उसका उद्देश्य था कि बीमा कंपनी उसकी मौत पर परिवार को एक करोड़ 23 लाख रुपये का भुगतान करे। इस साजिश में उसके भाई और कुछ रिश्तेदार भी शामिल थे।
पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने बताया कि दलपत फिलहाल फरार है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने इस साजिश को उजागर कर बड़ी आपराधिक योजना को नाकाम कर दिया।
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