राहुल गाँधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों को बचाने का आरोप लगाया है। कर्नाटक के आलंद में वोटर डिलीट का आरोप लगाया।
कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने ‘हाइड्रोजन बम’ बताते हुए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की थी, लेकिन वो फुस्स हो गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होते ही राहुल गाँधी ने बता दिया कि ये सीधे तौर पर ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं है। राहुल गाँधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ करवाने का आरोप लगाया है। राहुल गाँधी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ‘वोट चोरों’ की रक्षा कर रहे हैं।
राहुल गाँधी ने यह भी आरोप लगाया कि ये सब काम एक संगठित तरीके से, एक सॉफ्टवेयर और कॉल सेंटर का उपयोग करके कॉन्ग्रेस के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।
ज्ञानेश कुमार पर आरोप
राहुल गाँधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सबूत छिपाने और ‘वोट चोरों’ का साथ देने का आरोप लगाया। राहुल गाँधी ने कहा कि कर्नाटक की CID ने चुनाव आयोग को 18 महीने में 18 पत्र लिखकर सबूत माँगे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
राहुल गाँधी ने कहा कि ये सब केंद्रीय स्तर पर एक सुनियोजित ऑपरेशन के तहत हो रहा है। इसके अलावा, आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कर्नाटक में कर्नाटक के नंबर इस्तेमाल ना होकर, दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
राहुल गाँधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक हफ्ते का समय देते हुए कर्नाटक CID को सारे सबूत देने की बात कहीं है। राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि अगर सबूत नहीं मिले, तो यह माना जाएगा कि ज्ञानेश कुमार संविधान की नहीं, बल्कि ‘वोट चोरों’ की रक्षा कर रहे हैं। हालाँकि, राहुल गाँधी के इस ‘हाइड्रोजन बम’ से कोई नया खुलासा नहीं हुआ और उनके ऐसे आरोप पहले भी सुने जा चुके हैं।
सवालों के घेरे में ‘सबूत’
अपनी ‘हाइड्रोजन बम’ वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गाँधी ने आरोपों को साबित करने के लिए कर्नाटक के आलंद में 6018 वोटरों के नाम हटाए जाने का उदाहरण दिया। राहुल गाँधी ने ना सिर्फ कर्नाटक का उदाहरण बताया, बल्कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे कई राज्यों में भी इसी तरह से ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है।
इसके अलावा, राहुल गाँधी ने एक स्क्रीन पर ‘Who’s Someone’ नाम से एक तस्वीर दिखाई, जिसमें दो धुंधली छवियाँ थीं। इन छवियों को पीएम मोदी और अमित शाह के रूप में दर्शाया गया। लेकिन, राहुल गाँधी ने सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। आखिरी में राहुल गाँधी ने कहा कि ये ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं था, वो तो थोड़ी देर बाद टीम से बात करके सामने आएगा। इसका मतलब जिस बम को लेकर इतने दिनों से हवा बना रहे थे राहुल गाँधी, वो साफतौर पर फुस्स निकला।
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