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फलटण: लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में आरोपी पीएसआई गोपाल बदने सरकारी सेवा से बर्खास्त

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फलटण (सतारा), 5 नवंबर . Maharashtra के सतारा जिले स्थित फलटण ग्रामीण Police थाने में दर्ज अपराध के मामले में गिरफ्तार निलंबित Police उपनिरीक्षक (पीएसआई) गोपाल बालासाहेब बदने को Governmentी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

यह कार्रवाई डॉक्टर की आत्महत्या से जुड़े गंभीर आरोपों के बाद की गई है, जिसमें बदने पर दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न का इल्जाम है. विशेष Police महानिरीक्षक (आईजी) सुनील फुलारी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत 4 नवंबर से प्रभावी यह आदेश जारी किया.

मामला अक्टूबर 2025 का है, जब फलटण सिविल अस्पताल में तैनात 28 वर्षीय महिला डॉक्टर (बीड जिले की रहने वाली) ने 23 अक्टूबर को एक होटल के कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखा था, “पीएसआई गोपाल बदने ने मेरे साथ चार बार रेप किया और Policeकर्मी प्रशांत बांकर ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.”

सुसाइड नोट में भी इन्हीं दोनों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. यह खुलासा होने के बाद Police ने तुरंत First Information Report दर्ज की और जांच शुरू की.

Police ने बताया कि बदने ने अपनी वर्दी और पद का दुरुपयोग करते हुए डॉक्टर का शोषण किया. जांच में नाम आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था. 25 अक्टूबर को बदने ने फलटण Police थाने में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. दूसरे आरोपी प्रशांत बांकर को भी पुणे से पकड़ा गया. दोनों पर आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है.

आईजी सुनील फुलारी के आदेश में कहा गया है कि बदने ने Police बल का पूरा ज्ञान होने के बावजूद लापरवाही, नैतिक पतन और दुराचार किया. उन्होंने पीएसआई पद के अधिकारों का विकृत रूप से दुरुपयोग कर समाज में असुरक्षा की भावना पैदा की. ऐसे कृत्य Police पद को कलंकित करते हैं और कर्तव्य में संदेह पैदा करते हैं. यह आचरण अत्यंत घृणित और निंदनीय है, इसलिए जनहित में उसे Governmentी सेवा से हटाना जरूरी है.

फलटण Police ने बताया कि बदने को अब जेल भेजा जा चुका है. इस घटना ने Police विभाग में सनसनी फैला दी है. महिला डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में डर का माहौल है. सतारा जिला Police अधीक्षक ने कहा कि आरोपी को सख्त सजा दिलाने के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी. साथ ही, विभागीय स्तर पर अन्य संदिग्धों की जांच चल रही है.

एसएचके/डीकेपी

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