नई दिल्ली, 30 मई . इंडियाएआई मिशन ने दूसरे दौर में लगभग 16,000 अतिरिक्त ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) को सूचीबद्ध किया गया है, जिससे मिशन के तहत उपलब्ध जीपीयू की संख्या बढ़कर 34,300 से अधिक हो गई है. इससे देश के एआई इकोसिस्टम को बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को दी.
केंद्रीय मंत्री ने इंडियाएआई मिशन के कार्यक्रम में कहा कि बीते डेढ़ साल में हमने काफी प्रगति की है. हमने जीपीयू सूचीबद्ध करने का दूसरा चरण पूरा कर लिया है और तीसरा चरण भी जल्द पूरा होगा और उसके बाद काफी सारे जीपीयू और जुड़ेंगे.
उन्होंने आगे कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि तकनीक को कुछ लोगों के हाथों में न छोड़ा जाए. समाज के एक बड़े वर्ग की तकनीक तक पहुंच होनी चाहिए, उन्हें नए समाधान विकसित करने में सक्षम होना चाहिए और बेहतर अवसर मिलने चाहिए. यही वह उद्देश्य है जिसके साथ इंडिया एआई मिशन की शुरुआत की गई थी.”
मार्च 2024 में 10,372 करोड़ रुपए के बजट के साथ लॉन्च किए गए इंडियाएआई मिशन का लक्ष्य सात प्रमुख स्तंभों के माध्यम से एक मजबूत और समावेशी एआई इकोसिस्टम का निर्माण करना है.
इसके सात स्तंभों में स्केलेबल जीपीयू आधारित कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वदेशी फाउंडेशनल मॉडल डेवलपमेंट, गुणवत्तापूर्ण डेटासेट तक पहुंच, सेक्टर विशिष्ट एआई एप्लीकेशन, एआई लैब के माध्यम से अपस्किलिंग, डीप-टेक स्टार्टअप के लिए फंडिंग और नैतिक, जिम्मेदार एआई प्रोजेक्ट के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय शामिल हैं.
इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, इंडियाएआई मिशन ने ‘इंडियाएआई स्टार्टअप्स ग्लोबल इनिशिएटिव’ के लिए 10 स्टार्टअप को चुने जाने की घोषणा भी है. भारत की एआई क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. ‘इंडियाएआई स्टार्टअप्स ग्लोबल इनिशिएटिव’ स्टेशन एफ, पेरिस और एचईसी पेरिस के साथ साझेदारी में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत का एआई इकोसिस्टम अब वैश्विक सफलता के शिखर पर है. इस तरह की पहलों के माध्यम से, हम अपने सबसे बेहतरीन स्टार्टअप को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने, वैश्विक गठबंधन बनाने और स्केलेबल, प्रभावशाली समाधान बनाने में सक्षम बना रहे हैं. स्टेशन एफ और एचईसी पेरिस के साथ इंडियाएआई मिशन की साझेदारी भारत की इनोवेशन डिप्लोमेसी में एक नया अध्याय प्रस्तुत करती है.”
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एबीएस/
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