भागलपुर, 30 मई . बिहार दौरे के बीच प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी समीर रंजन को पुलिस ने शुक्रवार को भागलपुर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि उसने 29 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक अधिकारी को वाट्सएप पर मैसेज किया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकी दी गई थी.
इस मैसेज को गंभीरता से लेते हुए एनआईए, आईबी और गृह मंत्रालय ने तफ्तीश की. तफ्तीश के क्रम में भागलपुर पुलिस से भी संपर्क किया गया. इसके बाद आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार किया गया.
इसके बाद पुलिस ने मंटू चौधरी को भी गिरफ्तार किया. मंटू को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए इसलिए जरूरी था, क्योंकि समीर रंजन ने जिस मोबाइल फोन से प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकी दी थी, वह नंबर मंटू चौधरी का ही था. इसके बाद पुलिस मंटू चौधरी तक पहुंची, तो उसने भी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए.
मंटू चौधरी ने बताया कि वह तो पढ़ा-लिखा भी नहीं है. बमुश्किल 10वीं पास है. ऐसी स्थिति में वह भला ऐसा कृत्य कैसे कर सकता है. उसने आरोप लगाया कि समीर रंजन ने फर्जी तरीके से उसके नाम पर सिम कार्ड लिया और ऐसा काम किया, ताकि उसे फंसाया जा सके. इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है.
पुलिस ने अपनी सक्रियता के बलबूते महज चार घंटे के अंदर आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार कर इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझा ली.
इस बीच, आरोपी समीर रंजन के बारे में कई जानकारियां भी सामने आई हैं. बताया गया है कि उसने बीसीए किया हुआ है. कोविड-19 के दौर से पहले वह नौकरी करता था. लेकिन, बाद में उसकी नौकरी छूट गई. इसके बाद उसे कहीं पर भी ढंग की नौकरी नहीं मिली. नौकरी में स्थिरता नहीं होने की वजह से वह मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं. 29 मई को वह पटना पहुंचे थे, जहां उन्होंने रोड शो किया था. आज बिहार में उनका रोहतास के बिक्रमगंज में कार्यक्रम है.
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एसएचके/एएस
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