बीजिंग, 27 अक्टूबर . चीनी Prime Minister ली छ्यांग ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित 28वीं आसियान-चीन, जापान और दक्षिण कोरिया नेताओं की बैठक में भाग लिया.
अपने संबोधन में Prime Minister ली छ्यांग ने कहा कि पिछले वर्ष में आसियान और चीन, जापान व दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग ने सकारात्मक विकास गति बनाए रखी है, जो पूर्वी एशिया की अर्थव्यवस्था की लचीलापन और जीवंतता को दर्शाता है.
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और व्यापारिक परिदृश्य में जटिल परिवर्तनों के कारण पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्था कई नई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे विकास की अनिश्चितता और अस्थिरता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
ली छ्यांग ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में पूर्वी एशिया, विश्व का सबसे तीव्र गति से विकसित होने वाला क्षेत्र रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खुला सहयोग इस क्षेत्र की सफलता का प्रमुख अनुभव रहा है, जिसे निरंतर संरक्षित और आगे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए एक स्थायी शक्ति और विजय का महत्वपूर्ण साधन बना रहे.
Prime Minister ली ने आगे कहा कि चीन, सभी पक्षों के साथ विकास रणनीतियों के संरेखण को मजबूत करने, खुलेपन और सहयोग की नीति पर कायम रहने, आर्थिक क्षमता को उजागर करने और व्यापक विकास के अवसर सृजित करने के लिए तत्पर है. उन्होंने तीन प्रमुख बिंदु प्रस्तुत किए, पहला, क्षेत्रीय विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना, दूसरा, औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग को गहरा करना और तीसरा, विकास के नए प्रेरक तत्वों को सशक्त करना.
उन्होंने कहा कि चीन डिजिटल अर्थव्यवस्था, इलेक्ट्रिक वाहन, स्वच्छ ऊर्जा और अन्य नवाचार क्षेत्रों में सभी पक्षों के साथ सहयोग को गहरा करेगा तथा क्षेत्रीय विकास के अवसरों को साझा करेगा.
बैठक में भाग लेने वाले अन्य देशों के नेताओं ने कहा कि आसियान-चीन-जापान-दक्षिण कोरिया सहयोग तंत्र की स्थापना से लेकर अब तक इसने चुनौतियों का सामना करने और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उन्होंने स्वीकार किया कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति कई जटिल कारकों से प्रभावित है, जिसमें बढ़ती अनिश्चितता, संरक्षणवाद की प्रवृत्ति और वैश्विक चुनौतियों का परस्पर प्रभाव शामिल है.
नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सभी पक्षों को एकजुट होकर क्षेत्रीय समुदाय की भावना को सुदृढ़ करना, शांतिपूर्ण एवं स्थिर वातावरण बनाए रखना और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने व्यापार, निवेश, वित्त, खाद्य सुरक्षा, हरित अर्थव्यवस्था, मानविकी, सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, आपातकालीन आपदा प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने का आह्वान किया.
उन्होंने औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला की लचीलापन को बढ़ाने, क्षेत्रीय संपर्क को प्रोत्साहित करने तथा नवाचार, समावेशन और सतत विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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