हैदराबाद, 19 अक्टूबर . हैदराबाद में पुलिस ने शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार को रोक दिया, जो तेलंगाना लोक सेवा आयोग (टीजीपीएससी) की ग्रुप-1 मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर छात्रों के साथ तेलंगाना सचिवालय तक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे.
टैंक बंड पर अंबेडकर प्रतिमा के पास उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब बंदी संजय कुमार प्रदर्शनकारियों के साथ वहां बैठे और मांग की कि सरकार आरक्षण नियमों में बदलाव करने वाले सरकारी आदेश (जीओ) को वापस ले.
अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए बंदी संजय कुमार अशोक नगर क्षेत्र पहुंचे, जो पिछले तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन का केंद्र रहा है.
भाजपा नेता ने अशोक नगर से एक विशाल रैली का नेतृत्व किया और यह रैली 21 अक्टूबर से शुरू होने वाली परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव से मिलने के लिए सचिवालय की ओर बढ़ रही थी. तनाव बढ़ने पर पुलिस ने रैली रोक दी.
बंदी संजय कुमार ने पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए आग्रह किया कि उन्हें सचिवालय जाने दिया जाए.
हालांकि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि रैली के लिए कोई अनुमति नहीं है. वे अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अंबेडकर प्रतिमा के पास सड़क पर बैठ गए.
बंदी संजय कुमार ने राज्य सरकार से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि छात्र एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में वे परीक्षा कैसे दे सकते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस छात्राओं और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं की पिटाई कर अत्याचार कर रही है.
बंदी संजय कुमार ने कहा कि वह केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर छात्रों से मिलने और उनकी मांग का समर्थन करने आये हैं.
उन्होंने मांग की कि सरकार आरक्षण नीति में बदलाव करने वाले ‘जीओ 29’ को रद्द कर दे.
विभिन्न विभागों में 563 पदों को भरने के लिए ग्रुप-I मुख्य परीक्षा 21 से 27 अक्टूबर तक आयोजित की जानी है.
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें परीक्षा स्थगित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था.
15 अक्टूबर को एकल न्यायाधीश की पीठ ने परीक्षा स्थगित करने की कुछ उम्मीदवारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
छात्र अशोक नगर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां कई छात्रावास और कोचिंग संस्थान हैं.
परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का तर्क है कि ‘जीओ 29’ प्रीलिम्स सूची को उलट-पुलट कर देगा.
उच्च न्यायालय में सरकारी आदेश को चुनौती देने वाले करीब 22 मामले लंबित हैं.
उनका कहना है कि सरकारी आदेश में आरक्षण नीति में बदलाव किया गया है और इससे आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए संभावनाएं सीमित हो जाएंगी.
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एकेएस/
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