Ahmedabad, 28 अक्टूबर . Gujarat में शादी के लिए ब्लाउज समय पर न सिलवाने की वजह से उपभोक्ता अदालत ने एक दर्जी पर करीब 7 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि समय पर सेवा न देना उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है.
Ahmedabad की एक महिला ने 24 दिसंबर 2024 को रिश्तेदार की शादी में पहनने के लिए एक ब्लाउज सिलवाने का ऑर्डर दिया था. उसने दर्जी को 4,395 रुपए एडवांस दे दिए थे, लेकिन जब वह ब्लाउज लेने गई, तो पाया कि ब्लाउज उसकी बताई डिजाइन के अनुसार नहीं सिला गया था. दर्जी ने गलती सुधारने का वादा किया, लेकिन उसे तय समय तक भी ब्लाउज नहीं दिया गया.
समय पर ब्लाउज नहीं मिलने की वजह से महिला को असुविधा हुई. गुस्से में उसने Ahmedabad (अतिरिक्त) उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज की और दर्जी को नोटिस भेज दिया, लेकिन दर्जी अदालत में पेश नहीं हुआ. मामले की सुनवाई के दौरान आयोग ने इसे “सेवा में स्पष्ट कमी” माना और कहा कि दर्जी के रवैये से महिला को मानसिक परेशानी और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा.
आयोग ने दर्जी से महिला द्वारा दी गई 4,395 रुपए की मूल राशि 7 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने को कहा. साथ ही उपभोक्ता को मानसिक कष्ट के लिए 2,000 रुपए और मुकदमे के खर्च के लिए 500 रुपए अतिरिक्त देने का आदेश दिया.
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि दर्जी की लापरवाही की वजह से उसे शादी में अपनी पसंद का ब्लाउज लिए बिना जाना पड़ा, जिससे उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ी. उसने उम्मीद जताई कि यह फैसला दूसरों को सतर्क करेगा. उपभोक्ता विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-छोटे कामों में भी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. आयोग के इस फैसले से दर्जी जैसे सेवा प्रदाता अब काम को गंभीरता से लेंगे.
वहीं, आयोग ने साफ कहा कि एडवांस लेने के बाद सेवा देना बाध्यकारी है. अगर दर्जी अब भी पैसे नहीं लौटाता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.
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एसएचके/वीसी
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