मुजफ्फरपुर, 11 सितंबर . राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने मुजफ्फरपुर के नगर भवन परिसर में आयोजित एक सार्वजनिक सत्र में 55 मामलों का निष्पादन किया. इस सत्र में जिले के सभी थाना प्रभारी भी मौजूद थे और उन्होंने मामले की सुनवाई में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पैनल अधिवक्ता आशा सिन्हा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ममता कुमारी दो दिनों के लिए मुजफ्फरपुर में थीं, जहां उन्होंने शहर भर से आई महिलाओं द्वारा दर्ज किए गए मामलों की सुनवाई की. नगर भवन में आयोजित इस सत्र के दौरान, पीड़ितों के मामलों को सुना गया और तत्परता से निष्पक्ष निर्णय लिया गया.
आशा सिन्हा ने बताया कि इस सत्र के दौरान सभी थाना प्रभारी मौजूद थे और उन्होंने सुनवाई में ममता कुमारी को सहयोग किया. ममता कुमारी ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि जब भी किसी महिला के खिलाफ कोई अपराध का मामला आए, तो सबसे पहले उस अपराध के अभियुक्त को थाने बुलाकर उसकी सख्ती से पूछताछ की जाए.
इसके अलावा, ममता कुमारी ने जिले के डीएम और एसपी से भी बैठक की. इस बैठक में उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, ताकि महिला सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. ममता कुमारी ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे इस तरह के मामलों में शीघ्र कार्रवाई करें और पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई कमी न छोड़ें.
आशा सिन्हा ने बताया कि डीएलएसए (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) की ओर से उनके साथ चार पैनल अधिवक्ता मौजूद थे, जिन्होंने इस सुनवाई के दौरान कानूनी सहायता प्रदान की. उनका कहना था कि यह सत्र महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है.
ममता कुमारी की इस पहल ने मुजफ्फरपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति प्रशासन की सख्ती को और अधिक मजबूत किया है.
–
वीकेयू/डीएससी
You may also like
Coldriff कफ सिरप से 21 मासूमों की मौत, कई राज्यों में बैन, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला, अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
RBI ने रद्द कर दिया इस बैंक का लाइसेंस, कहीं आपका भी तो नहीं इसमें ख़ाता, जल्दी चेक करें ग्राहकों पर क्या होगा असर
35 सवारियां, एक चट्टान और 15 मौत … एक ही परिवार के 4 लोगों ने गंवाई जान, हादसे के बाद बिलासपुर में कैसा है मौसम?
यूके भारत के लिए वीज़ा नियमों में ढील नहीं देगा: स्टार्मर
सीजेआई पर जूता फेंकने की घटना के खिलाफ एआईएलयू ने सुप्रीम कोर्ट में किया प्रदर्शन