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जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय का आधार, खत्म होगी असमानता : प्रेम कुमार

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भागलपुर, 2 मई . नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने बिहार के भागलपुर में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए जाति जनगणना को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को ऐतिहासिक और देशहित में बताया.

प्रेम कुमार ने कहा कि यह निर्णय समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है – जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. समाज के हित में लिया गया यह निर्णय आने वाले समय में देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का नेतृत्व ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर आधारित है. इस फैसले से सामाजिक असमानता को दूर करने में मदद मिलेगी. जातिगत आंकड़ों के आधार पर आगामी बजट की रूपरेखा तय की जाएगी, चाहे वह केंद्र का हो या राज्यों का, जिससे समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार और संसाधनों में हिस्सेदारी मिल सकेगी.

उन्होंने कहा कि लंबे समय से समाज में यह मांग रही थी कि हर वर्ग की वास्तविक स्थिति को आंकड़ों के माध्यम से समझा जाए और उसी के आधार पर विकास योजनाएं बनाई जाएं. इस पहल का देशभर में स्वागत हो रहा है. इस कदम से असमानता खत्म होगी और सभी को समान अधिकार मिलेगा.

बता दें कि मोदी कैबिनेट ने 30 अप्रैल को जाति जनगणना को मंजूरी दे दी. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया. साल 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई. इसकी जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया. यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा.

पीएसके/एकेजे

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