New Delhi, 9 नवंबर . आयुर्वेद में इसबगोल को एक बहुत लाभदायक माना जाता है. यह प्लांटैगो ओवाटा नामक पौधे के बीजों की भूसी होती है. इसे लोग अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके फायदे सिर्फ पाचन तक सीमित नहीं हैं.
सबसे पहले बात करते हैं इसके फायदों की. इसबगोल में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. अगर किसी को कब्ज की समस्या रहती है तो इसबगोल का नियमित सेवन मल त्याग को आसान बनाता है और पेट अच्छे से साफ होता है. दही या पानी में मिलाकर खाने से दस्त या डायरिया में भी राहत मिलती है.
यह दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है. इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह उपयोगी है.
वजन घटाने वालों के लिए इसबगोल किसी वरदान से कम नहीं. इसे सुबह खाली पेट पानी या नींबू पानी के साथ लेने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है. यह शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करता है, जिससे लिवर भी स्वस्थ रहता है.
त्वचा और बालों के लिए भी इसके फायदे हैं. यह शरीर को अंदर से साफ करता है, जिससे त्वचा पर चमक आती है और मुंहासे कम होते हैं. यह शरीर में नमी बनाए रखता है, जिससे रूसी और बाल झड़ने की समस्या में भी मदद मिलती है.
बवासीर और गैस की समस्या में भी इसबगोल फायदेमंद है. यह मल को मुलायम बनाता है, जिससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है. अगर आपको एसिडिटी की समस्या है, तो दूध के साथ इसका सेवन करने से आराम मिलता है.
हालांकि यह सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अगर इसे बहुत ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो पेट फूलना, गैस या ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है. पर्याप्त पानी न पीने पर यह आंतों में सूखकर उल्टा कब्ज भी बढ़ा सकता है. इसलिए हमेशा इसके साथ खूब सारा पानी पीना चाहिए.
गर्भवती महिलाएं या जिनको किसी दवा की एलर्जी है, उन्हें इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए.
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पीआईएम/एएस
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