Bhopal , 30 अक्टूबर . Madhya Pradesh के Chief Minister मोहन यादव ने Thursday को विज्ञान भवन में ड्रोन प्रौद्योगिकी कार्यशाला और एक्सपो 2025 का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य Government ने एक नई ड्रोन नीति शुरू की है, जो प्रौद्योगिकी में वैश्विक प्रगति के साथ तालमेल रखने के महत्व को रेखांकित करती है.
उन्होंने कहा कि ड्रोन कृषि और सुरक्षा से लेकर आपदा प्रबंधन और समारोहों तक कई क्षेत्रों में क्रांति ला रहे हैं और रोजमर्रा की जिंदगी में दक्षता और नवीनता ला रहे हैं.
Chief Minister ने कहा कि ड्रोन किसानों को कृषि गतिविधियों में सहायता कर रहे हैं, कीटनाशकों के छिड़काव को आसान और अधिक प्रभावी बना रहे हैं. ये राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों और यहां तक कि शादियों जैसे सामाजिक आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि चाहे आपदा प्रबंधन हो या Police निगरानी, ड्रोन अभूतपूर्व परिवर्तन लाए हैं. राज्य Government विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता के एक सशक्त माध्यम के रूप में ड्रोन तकनीक का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने प्रदर्शनी का दौरा किया और शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्टअप्स और उद्योगों के प्रतिनिधियों से बातचीत की, जिन्होंने शिक्षा, उद्योग और कृषि से जुड़े ड्रोन अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की.
Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि कार्यशाला और एक्सपो का उद्देश्य Madhya Pradesh में ड्रोन तकनीक के बारे में समझ बढ़ाना, व्यावहारिक अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करना और क्षमता निर्माण को मजबूत करना है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व में India ने चुनौतीपूर्ण सुरक्षा परिस्थितियों में भी ड्रोन क्षेत्र में उल्लेखनीय तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया है.
स्वदेशी तकनीक में India की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक वॉयस कमांड कंट्रोल सुविधाओं वाले ड्रोन का आविष्कार कर रहे हैं और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने देश की ड्रोन क्षमताओं को देखा.
ड्रोन तकनीक India में कई क्षेत्रों में तेजी से बदलाव ला रही है और दक्षता, नवाचार और सुरक्षा के प्रमुख वाहक के रूप में उभर रही है. कृषि और बुनियादी ढांचे से लेकर आपदा प्रबंधन और कानून प्रवर्तन तक ड्रोन अपनी सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा के कारण तेजी से अपनाए जा रहे हैं.
कृषि में ड्रोन किसानों को फसलों की स्थिति की निगरानी करने, खेतों का नक्शा बनाने और कीटनाशकों का छिड़काव अधिक सटीकता और न्यूनतम अपव्यय के साथ करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे उत्पादकता बढ़ती है और श्रम लागत कम होती है. आपदा प्रबंधन में ड्रोन बचाव कार्यों, क्षति आकलन और दुर्गम क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए वास्तविक समय में हवाई दृश्य प्रदान करते हैं.
कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियां निगरानी, भीड़ नियंत्रण और सीमा निगरानी, स्थितिजन्य जागरूकता और परिचालन प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही हैं. ड्रोन बुनियादी ढांचे के विकास में भी अमूल्य साबित हो रहे हैं, भूमि सर्वेक्षण, निर्माण निगरानी और बिजली लाइनों व पाइपलाइनों के निरीक्षण में मदद कर रहे हैं.
यह तकनीक स्वास्थ्य सेवा रसद, पर्यावरण निगरानी और यहां तक कि कार्यक्रम प्रबंधन में भी समान रूप से प्रवेश कर रही है.
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एएसएच/डीकेपी
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