जमशेदपुर, 3 सितंबर . जमशेदपुर शहर में बैठे साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बना लिया. पीड़ितों ने अमेरिकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला भारत के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा. इसके बाद देश की जांच एजेंसियों ने कई स्तर पर जांच शुरू की है.
जांच में सामने आया कि साइबर ठगी में जमशेदपुर के नंबरों का इस्तेमाल हुआ. जांच एजेंसियों द्वारा झारखंड पुलिस के साथ इसकी जानकारी साझा की गई है. जमशेदपुर के सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को इसे लेकर अलर्ट जारी किया.
पुलिस ने पता लगाया कि अपराधियों का नेटवर्क साकची, मानगो, टेल्को, गोविंदपुर और बारीडीह से संचालित किया जा रहा है. अब तक कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने खुद को टेक्निकल सपोर्ट अधिकारी और कई बार सरकारी अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क किया. कंप्यूटर, बैंकिंग या अन्य तकनीकी समस्या का हवाला देकर पीड़ितों का विश्वास जीतकर उनके खातों से पैसे निकाल लिए जाते थे.
जमशेदपुर पुलिस के अनुसार गिरोह की जड़ें मुख्य रूप से मानगो, टेल्को और साकची में हैं. पुलिस को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं और फिलहाल आरोपियों और उनके पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक गिरोह ने कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था बनाई थी, जहां अंग्रेजी बोलने वाले लोग विदेशी नागरिकों को कॉल करके तकनीकी सहायता के नाम पर ठगते थे.
शक है कि यह गिरोह सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना चुका है. अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही गिरोह के मास्टरमाइंड और सहयोगियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. ऐसे मामलों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संबंधित एजेंसियों से सहयोग लिया जाएगा.
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एसएनसी/एएस
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