राजौरी, 3 नवंबर . ऑपरेशन सद्भावना 2025 के तहत भारतीय सेना की ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन ने राजौरी और पुंछ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों के छात्रों के लिए एक विशेष “राष्ट्रीय एकता यात्रा” का आयोजन किया है. इस यात्रा का उद्देश्य सीमांत इलाकों के युवाओं को India की सांस्कृतिक, शैक्षिक और विकासात्मक विविधता से अवगत कराना, उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाना और उनमें राष्ट्रीय एकता व सामाजिक योगदान की भावना को प्रोत्साहित करना है.
इस यात्रा के दौरान छात्र भारतीय सेना की दक्षिणी कमान, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), राष्ट्रीय रक्षा विधि महाविद्यालय और अन्य प्रमुख शैक्षणिक एवं सैन्य संस्थानों का दौरा करेंगे. सीमा पार से गोलाबारी झेलने वाले इलाकों से आने वाले ये छात्र न केवल साहस और धैर्य के प्रतीक हैं, बल्कि उनके माध्यम से भारतीय सेना सीमावर्ती समुदायों में शांति, एकता और विश्वास की भावना को भी मजबूत कर रही है.
ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके लिए देश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और प्रगति को नजदीक से समझने का अवसर है.
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस अनुभव से अधिकतम सीख लें और शांति तथा राष्ट्रीय गर्व के दूत बनें. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से आपको देश की सेवा गौरव के साथ करने और अपने क्षेत्र में एकता और सद्भाव के संदेशवाहक बनने की प्रेरणा मिलेगी.
राजौरी और पुंछ के छात्रों ने से बातचीत के दौरान इस पहल के लिए भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सेना न केवल सीमाओं की सुरक्षा कर रही है, बल्कि युवाओं को अवसर देकर उनके भविष्य को भी दिशा दे रही है.
पुंछ की छात्रा फातिमा ने कहा कि हम सभी एलओसी के पास के गांवों से हैं. भारतीय सेना ने हमें देश को नजदीक से देखने का मौका दिया है. इसके लिए हम आभारी हैं. छात्रा जसमीत ने कहा कि यह हमारा पहला टूर है और पहली बार हवाई यात्रा का अनुभव मिलेगा. इस यात्रा से हमें भारतीय सेना के कार्यों और देश की विविधता के बारे में नई जानकारी मिलेगी. वहीं, छात्र रिजवान और अब्दुल माजिद ने बताया कि उन्हें सेना की ओर से 10 दिन की यात्रा का अवसर मिला है, जिसके तहत वे पुणे जाएंगे. उन्होंने कहा, “हम इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं. यह हमारे जीवन का एक यादगार अनुभव होगा.”
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एएसएच/एबीएम
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