New Delhi, 31 अक्टूबर . Pakistan की सेना इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर रही है. आईएस आतंकियों को Pakistanी सेना न केवल हथियार मुहैया करा रही है, बल्कि आतंकी संगठन के कमांडरों को स्पेशल ट्रेनिंग देने का काम भी कर रही है. Pakistan का मकसद अपने पड़ोसियों के खिलाफ आईएसआई आतंकियों का इस्तेमाल करना है.
इसके लिए Pakistan ने चार शिविर स्थापित किए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि Pakistan धीरे-धीरे इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आई ) के कुछ आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर की ओर मोड़ सकता है.
डूरंड रेखा को लेकर अफगान तालिबान के साथ तनाव बढ़ने के बाद से, Pakistan और आई के आतंकवादियों के बीच बीते कुछ समय में नजदीकी बढ़ी है. यही कारण है कि Pakistan ने अफगानिस्तान में हवाई हमले भी किए हैं और तालिबान ने भी इसका कड़ा जवाब दिया.
हाल के महीनों में, Pakistan में खास तौर से आई के आतंकियों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनिंग कैंप की संख्या बढ़ाई है.
खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि आईएसआई अफगान तालिबान पर हमले करने के इरादे से आई के 1,000 से ज्यादा आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है. वहीं भारतीय एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों को अलग-अलग प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं.
आतंकवादियों को जमीन पर लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे तालिबान लड़ाकों का सामना कर सकें. विशेषज्ञों का कहना है कि आत्मघाती हमलावरों के लिए भी प्रशिक्षण शिविर हैं. Pakistanी सेना के कई वर्तमान और पूर्व अधिकारी, इस प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल हैं.
आई जब से अस्तित्व में आया है, तब से वह तालिबान के साथ संघर्षरत है. आई का मकसद अफगानिस्तान से तालिबान शासन को उखाड़ फेंककर शासन करने का है. विशेषज्ञों की मानें तो आई के कई सदस्यों को अफगानिस्तान से Pakistan लाया जा रहा है और फिर उन्हें बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कबायली इलाकों में स्थित कैंपों में भेजा जा रहा है.
अफगान सुरक्षा अधिकारियों ने मोहम्मद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया. मोहम्मद की गिरफ्तारी से इस दावे की पुष्टि हो गई कि Pakistan आई आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण का केंद्र बन गया है.
हिरासत में लिए गए आतंकवादी ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने Pakistan के क्वेटा में युद्ध प्रशिक्षण लिया था. जब वह फर्जी पहचान पत्र के साथ अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था, तब उसका नाम मोहम्मद था. आईएसआई ने उसे अपने विचारों से प्रभावित करने के लिए काफी प्रयास किए थे.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल आई का पूरा फोकस अफगानिस्तान पर है. एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसका पूरे क्षेत्र पर असर पड़ सकता है.
आई की नजर India पर भी है और आने वाले समय में अफगानिस्तान से बाहर भी अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर सकता है.
जब आई की स्थापना हुई थी, तब उसका फोकस तालिबान को हराना था, हालांकि उसने यह भी साफ कर दिया था कि वह एक खिलाफत स्थापित करने में रुचि रखता है जिसमें India भी शामिल हो. इस आतंकी समूह ने जम्मू-कश्मीर में तनाव पैदा करने में काफी रुचि दिखाई है.
विशेषज्ञों का कहना है कि Pakistan धीरे-धीरे आई के कुछ आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर भेज सकता है. आईएसआई को लगता है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अलावा घाटी में एक और आतंकी समूह होने से उनकी लड़ाई और मजबूत हो जाएगी.
जिस तरह से Pakistanी सेना आतंकी संगठनों के साथ खुलकर प्रशिक्षण का काम कर रहा है, इससे भारतीय एजेंसियों के लिए एक और चिंता जरूर बढ़ गई है.
अटकलें लगाई जा रही है कि आई सीमा से सटे इलाकों से भारतीय युवाओं को टारगेट करेगा और उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें ट्रेनिंग के लिए Pakistan भेजेगा.
हाल ही में हुई गणना के अनुसार, केरल के कम से कम 21 लोग देश छोड़कर अफगानिस्तान में आई में शामिल हो गए हैं. उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा था ताकि बाद में उन्हें India वापस भेजकर आतंकी हमले किए जा सकें.
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केके/वीसी
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