New Delhi, 20 अगस्त . उत्तर प्रदेश के पूर्व Chief Minister और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय कल्याण सिंह को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ और ‘बाबूजी’ के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंदुत्व के प्रबल समर्थक के रूप में पहचान बनाई.
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ जिले के मढ़ौली गांव में एक लोधी परिवार में हुआ था. उन्होंने स्कूल के दिनों में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़कर अपनी वैचारिक यात्रा शुरू की. 1967 में उन्होंने भारतीय जनसंघ के टिकट पर अतरौली से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और इसके बाद रिकॉर्ड नौ बार इस सीट से विधायक चुने गए.
1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश के Chief Minister बने, और उनके कार्यकाल में 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी का विध्वंस हुआ. इस घटना के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए Chief Minister पद से इस्तीफा दे दिया और एक दिन की जेल भी काटी. उन्होंने कहा था, “वो ढांचा गया, सरकार भी गई, मुझे कोई अफसोस नहीं.”
कल्याण सिंह ने राम मंदिर आंदोलन को मजबूती दी और इसे जन-जन तक पहुंचाया. उनके नेतृत्व में 1990 में राम रथ यात्रा ने हिंदू भावनाओं को एकजुट किया, जिससे भाजपा को उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने में मदद मिली. 1997 में वे दोबारा Chief Minister बने, लेकिन गठबंधन की राजनीति के कारण उनका कार्यकाल छोटा रहा. बाद में उन्होंने राजस्थान और Himachal Pradesh के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी.
2020 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें बरी कर दिया. 21 अगस्त 2021 को लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 89 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. उन्हें 2022 में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
कल्याण सिंह के बाद, भाजपा ने उनकी पुण्यतिथि को ‘हिंदू गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया. ‘बाबूजी’ का बलिदान अविस्मरणीय है. उन्हें सम्मान देने के लिए अयोध्या में राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का नाम ‘कल्याण सिंह मार्ग’ रखा गया है. कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह, जो एटा से 2014 से 2024 तक सांसद थे, और पोते संदीप सिंह, जो उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं, उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
कल्याण सिंह की सादगी, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प ने उन्हें एक जननायक बनाया, जिनकी विरासत भारतीय राजनीति में दशकों तक जीवित रहेगी.
–
एससीएच/एबीएम
You may also like
Duleep Trophy 2025: 'अस्वस्थ' शुभमन गिल हो सकते हैं टूर्नामेंट से बाहर, एशिया कप से भी….
UPSC भर्ती 2025: सहायक लोक अभियोजक और व्याख्याता पदों के लिए आवेदन शुरू
गोपालपुरा पुलिया के पास एनबीसी कंपनी में तेंदुए (पैंथर) के दिखने से हड़कंप, वन विभाग ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
'वोटर अधिकार यात्रा' बन चुकी है देशव्यापी आंदोलन, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता शामिल होंगे
Vivo T4R 5G Review vs Realme P4 Pro vs Moto G96 : यूज़र्स के लिए कौन है बेस्ट डील?