मुंबई, 19 अक्टूबर . भू-राजनीतिक तनावों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली के दबाव के बावजूद घरेलू शेयर बाजार के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है.
विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि घरेलू बाजार को लेकर विकास में स्थिरता और पूंजीगत व्यय में तेजी की संभावना बनी हुई है.
बाजार में गिरावट के कई कारण थे. विदेशी निवेशकों ने बड़ी संख्या में शेयर बेचे. कंपनियों के दूसरे तिमाही के मुनाफे की उम्मीद कम थी. इसके अलावा, शेयरों की कीमतें पहले से ही बहुत अधिक थीं.
बाजार के जानकारों का कहना है कि अगले कुछ समय तक बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा. निवेशकों को ऐसे समय में सेक्टर और शेयर-विशेष की ओर अधिक रुख करना चाहिए.
लार्ज कैप और स्टेपल, कृषि, एफएमसीजी, खपत, बिजली, डिजिटल और इंफ्रा जैसे विकास क्षेत्रों पर फोकस रहेगा. अल्पकालिक से मध्यम अवधि के आधार पर गिरावट पर खरीदारी की रणनीति होगी.
एंजल वन के इक्विटी तकनीकी विश्लेषक राजेश भोसले के अनुसार, बाजार अभी भी कंसोलिडेशन फेज में है और चार्ट स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव हुआ है.
उन्होंने बताया, “कीमतों ने ट्रेडिंग रेंज के निचले स्तर को टेस्ट किया और इंडेक्स इसके पास ही बंद हुआ. निफ्टी का 24,900 के नीचे का स्तर आगे की कमजोरी के लिए दरवाजा खोल सकता है. जो कि 24,700 का लेवल टेस्ट कर रहा है. ऊपर की ओर, 25,100 के आसपास और उसके बाद 25,250 के लेवल पर प्रतिरोध देखा जा रहा है. इस रेंज से आगे की चाल ही चार्ट पर कुछ तेजी की गति को बढ़ावा दे सकती है.”
बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन दोनों सूचकांक में उछाल दर्ज हुआ.
बीएसई का सेंसेक्स कारोबार के अंत में 218.14 अंक या 0.27 प्रतिशत की तेजी के बाद 81,224.75 पर बंद हुआ. वहीं, एनएसई का निफ्टी 104.20 अंक या 0.42 प्रतिशत चढ़ने के बाद 24,854.05 पर बंद हुआ.
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 183.20 अंक या 0.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 58,649.15 पर हरे निशान में बंद हुआ.
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 11.85 अंक या 0.06 प्रतिशत चढ़ने के बाद 19,077.80 पर बंद हुआ. बाजार का रुझान मिलाजुला रहा.
अगले सप्ताह के लिए व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे आक्रामक दांव लगाने से बचें तथा चयनात्मक रहें.
उन्होंने कहा, “वैश्विक कारकों पर बारीकी से नजर रखना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे साप्ताहिक समाप्ति से पहले बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं.”
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भू-राजनीतिक तनाव और अनिश्चितता ने सुरक्षित परिसंपत्ति सोने के लिए नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया.
सोने की कीमतों में तेजी जारी रही और एमसीएक्स पर 500 रुपये की तीव्र वृद्धि के साथ इसकी कीमत 77,600 रुपये पर पहुंच गई, जिसे कॉमेक्स पर सोने के 2,710 डॉलर से ऊपर चढ़ने से समर्थन मिला.
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में उछाल अमेरिका में ब्याज दरों में जारी कटौती की उम्मीद से प्रेरित है और निकट भविष्य में और कटौती की उम्मीद है.
रुपया 84.05 पर स्थिर रहा, जबकि डॉलर सूचकांक भी 103.50 डॉलर के आसपास स्थिर रहा.
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, “डॉलर में मजबूती के बावजूद रुपया फिलहाल स्थिर रहने में कामयाब रहा है.
हालांकि, कच्चे तेल की कमजोरी से कुछ मदद मिली है, लेकिन भारी फंड आउटफ्लो के कारण आने वाले दिनों में रुपया 84.15-84.25 के दायरे में और नीचे जा सकता है.”
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एसकेटी/एएस
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