अलवर, 11 अक्टूबर . Rajasthan की खुफिया एजेंसी के अधिकारी Saturday को आईएसआई एजेंट मंगत सिंह को jaipur से अलवर लेकर पहुंचे. उसे अलवर शहर के आसपास जितने भी मिलिट्री स्टेशंस हैं, वहां पर ले जाया गया और मौका मुआयना कराया गया कि किस तरीके से यह जानकारी हासिल करता था.
Pakistan के लिए सूचना भेजने वाले आरोपी को खुफिया एजेंसी लेकर मौके पर आई. उसे Friday को अलवर से गिरफ्तार किया गया था. Pakistan के लिए सेना की जानकारी भेजने वाला भारतीय जासूस हनी ट्रैप का शिकार होने के बाद अलवर के सैनिक छावनियों के आसपास की जानकारी Pakistan को देता था.
खुफिया एजेंसी Police द्वारा गिरफ्तार करने के बाद उसे अलवर लेकर आई और अलवर के सैनिक स्टेशन के आसपास मौका मुआयना कराया कि किस तरीके से इसको जानकारी मिलती और किस तरह जानकारी भेजता था. वह पिछले 2 साल से पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था, जो किसी महिला के माध्यम से इसको फंसाया गया और फिर यहां की सैनिक छावनियों और उनकी गतिविधियों की जानकारी मुहैया कराता था. इसके बाद वह Pakistan एजेंट के रूप में काम करने लगा.
हालांकि, यह बात अभी स्पष्ट नहीं हुई कि इसको सेना की जानकारी किस तरीके से मिलती थी, लेकिन खुफिया एजेंसी इस बात का लिंक निकालने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर इसको सेना की जानकारी कैसे मिलती थी. खुफिया एजेंसी ने इसके पास से जो मोबाइल बरामद किया है, उसको खंगाला जा रहा है और उसमें जिनके कांटेक्ट नंबर हैं और social media के जरिए जो इससे जुड़े हुए हैं, उन सबके बारे में जानकारी खंगाली जा रही है.
यहां उल्लेखनीय है कि Rajasthan इंटेलिजेंस ने Pakistan की आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले अलवर निवासी मंगत सिंह को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 में गिरफ्तार किया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद Rajasthan इंटेलिजेंस द्वारा प्रदेश के सामरिक महत्व के क्षेत्रों पर गहनता से निगरानी रखी जा रही है. अलवर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का अति महत्वपूर्ण सामरिक एवं संवेदनशील क्षेत्र है. अलवर स्थित छावनी क्षेत्र की निगरानी के दौरान गोविंदगढ़, अलवर निवासी मंगत सिंह की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई थीं.
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डीकेपी/
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