दोस्तो हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्र का बहुत अधिक महत्व हैं जिसके प्राचीन विज्ञान का इस्तेमाल कर आप अपने जीवन से नकारात्मकता दूर कर सकते हैं और सकारात्मकता जीवन में ला सकते हैं, वास्तु में माना गया हैं कि भोजन का सम्मान करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद आता है। वास्तु में खाना बनाने वाले और खाने वाले के लिए दोनो के लिए निर्देश दिए गए हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स

स्वच्छता आवश्यक है:
खाना पकाने से पहले हमेशा स्नान करें। बिना स्नान किए भोजन पकाने से वह अशुद्ध हो जाता है और उसकी सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है।
रसोई का लेआउट महत्वपूर्ण है:
खाना पकाने वाले व्यक्ति के ठीक पीछे दरवाज़ा न रखें। यदि आवश्यक हो, तो खाना बनाते समय रसोइया को दरवाज़े से थोड़ा दूर हटना चाहिए।
यदि संभव हो, तो रसोई में पूर्व दिशा की ओर एक खिड़की या रोशनदान लगाएँ। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती है।

खाना बनाते और खाते समय दिशा:
पूर्व: खाना पकाने के लिए आदर्श; सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
पश्चिम: पश्चिम दिशा की ओर मुख करके खाना पकाने से परिवार के सदस्यों में त्वचा और हड्डियों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
उत्तर: उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना विशेष रूप से घर के मुखिया और आर्थिक स्थिरता चाहने वालों के लिए अनुशंसित है।
भगवान को भोग लगाना:
खाना पकाने के बाद, भोजन का एक भाग हमेशा भगवान को अर्पित करें। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से आशीर्वाद और शुद्धि सुनिश्चित होती है।
गायों को आदरपूर्वक भोजन कराना:
गाय को भोजन कराने से पहले, अपने देवता को एक रोटी अर्पित करें और एक रोटी गाय के लिए अलग रखें। यह अभ्यास देवत्व और प्रकृति दोनों का सम्मान करता है।
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