By Jitendra Jangid- दोस्तो भारत पूरे विश्व में त्योहारों के देश के नाम से जाना जाता हैं, जहां प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्योहार आता हैं, ऐसे में बात करें रक्षाबंधन की तो ये बड़े त्योहारों में से एक हैं, रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच प्रेम, देखभाल और सुरक्षा के पवित्र बंधन का प्रतीक है। इस त्योहार का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और इसे पूरे भारत में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। इस वर्ष, रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
बदलते समय के साथ, आजकल, बाजार आकर्षक और सजावटी राखियों से भरे पड़े हैं, जिनमें से कुछ पवित्र धागों से ज़्यादा फैशन के सामान जैसी दिखती हैं। पारंपरिक राखियों की जगह कंगन या ट्रेंडी बैंड का उपयोग न केवल इस त्योहार के आध्यात्मिक महत्व को कम कर रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे शुभ राखी कौनसी होती हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में

1. लाल और पीली मोली राखी
लाल और पीले पवित्र धागों (मोली) के संयोजन से बनी।
इसे अत्यंत शुभ और शुद्ध माना जाता है।
यह भाई-बहनों के जीवन में खुशियाँ, सद्भाव और सफलता लाती है।
2. त्रिशूल, ॐ या स्वास्तिक राखी
इसमें त्रिशूल, ॐ या स्वास्तिक जैसे पवित्र प्रतीक होते हैं।
ये प्रतीक दैवीय ऊर्जा और सुरक्षा से जुड़े हैं।
यह सकारात्मकता लाती है और घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाती है।
3. रुद्राक्ष राखी
रुद्राक्ष की मालाओं से जड़ी, भगवान शिव से जुड़ी।
इस राखी को बांधने से आध्यात्मिक विकास और करियर में उन्नति सुनिश्चित होती है।
यह दैवीय आशीर्वाद को अक्षुण्ण रखती है और जीवन की बाधाओं को धीरे-धीरे दूर करने में मदद करती है।

राखी बाँधते समय पवित्र मंत्र
राखी समारोह के आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाने के लिए, बहनों को राखी बाँधते समय इस शक्तिशाली रक्षा मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है:
"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्र महाबलः;
तेन त्वं बध्नामि रक्षे माचल माचल"
यह मंत्र भाई की सुरक्षा, शक्ति और कल्याण के लिए ईश्वरीय आशीर्वाद की प्रार्थना है।
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