बारिश का मौसम हर किसी को खुश कर देता है, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए यह समय कई बार चिंता का कारण भी बन जाता है। खासकर निमोनिया जैसी गंभीर श्वसन रोग की संभावना बारिश के मौसम में तेजी से बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में निमोनिया की समस्या बारिश के दौरान ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है।
बच्चों में निमोनिया क्यों होता है ज्यादा?
पेडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) डॉ. बताती हैं:
“बारिश के मौसम में ठंड और नमी की वजह से बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है। वहीं, ठंडे पानी या गीले कपड़ों से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चे अधिकतर बाहर खेलने के बाद गीले हो जाते हैं, जिससे शरीर जल्दी ठंडा होता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।”
बारिश में वायरल संक्रमण के साथ-साथ बैक्टीरिया भी तेजी से फैलते हैं, जो फेफड़ों में सूजन और संक्रमण का कारण बनते हैं, जिससे निमोनिया होता है। इसके अलावा, बच्चों में श्वसन तंत्र अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए वे आसानी से इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
निमोनिया के लक्षण क्या हैं?
तेज बुखार
बार-बार खांसी और बलगम आना
सांस लेने में तकलीफ या तेज़ सांस आना
बच्चों का हल्का या गहरा नीला होना (नाभि, होंठ, नाखून के आस-पास)
कम ऊर्जा और कमजोरी महसूस करना
अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बचाव के लिए जरूरी उपाय
साफ-सफाई का ध्यान रखें
बारिश के मौसम में बच्चे के हाथ और पैर हमेशा साफ और सूखे रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें।
ठंड से बचाएं
बारिश में भीगने से बचाएं और बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं। खासकर नाक, गला और सीने को ठंड से बचाना जरूरी है।
संतुलित आहार और हाइड्रेशन
विटामिन C युक्त फल और पौष्टिक भोजन दें जिससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत हो।
भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचाव
बारिश में बच्चे को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न ले जाएं जहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा हो।
टीकाकरण करवाएं
निमोनिया रोकने वाले वैक्सीन जैसे Pneumococcal vaccine और Hib vaccine जरूर लगवाएं।
क्या करें यदि बच्चा हो जाए निमोनिया का शिकार?
डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें, विशेषकर एंटीबायोटिक्स।
बच्चे को आराम दें और पर्याप्त पानी पिलाएं।
सर्दी-जुकाम या खांसी के लक्षण नजर आएं तो तुरंत उपचार शुरू करें।
गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो सकता है।
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