नई दिल्ली: फिक्स्ड इनकम यानी डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं से सितंबर महीने में 1.02 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई। बड़े संस्थागत निवेशकों की निकासी इसकी प्रमुख वजह रही। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की संस्था एम्फी की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। अगस्त में इन फंड योजनाओं से 7,980 करोड़ रुपये की निकासी दर्ज की गई थी जबकि जुलाई में 1.07 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया था।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने ऋण या बॉन्ड में निवेश करने वाली 16 में से 12 एमएफ श्रेणियों में शुद्ध निकासी दर्ज की गई। इनमें लिक्विड फंड योजनाओं से 66,042 करोड़ रुपये, मनी मार्केट फंड से 17,900 करोड़ रुपये और बेहद कम अवधि वाले फंड से 13,606 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में विश्लेषक नेहाल मेश्रराम ने कहा कि यह निकासी मुख्यतः सितंबर तिमाही के अंत की नकदी जरूरतों और अग्रिम कर भुगतान से जुड़ी संस्थागत निकासी का नतीजा है।
बड़े पैमाने पर निकासी
बड़े पैमाने पर निकासी होने से ऋण आधारित फंड योजनाओं की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (AUM) सितंबर अंत तक घटकर 17.8 लाख करोड़ रुपये रह गईं, जो अगस्त में 18.71 लाख करोड़ रुपये थीं। वहीं, इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में सितंबर महीने के दौरान 30,421 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो अगस्त के 33,430 करोड़ रुपये से नौ प्रतिशत कम है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने ऋण या बॉन्ड में निवेश करने वाली 16 में से 12 एमएफ श्रेणियों में शुद्ध निकासी दर्ज की गई। इनमें लिक्विड फंड योजनाओं से 66,042 करोड़ रुपये, मनी मार्केट फंड से 17,900 करोड़ रुपये और बेहद कम अवधि वाले फंड से 13,606 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में विश्लेषक नेहाल मेश्रराम ने कहा कि यह निकासी मुख्यतः सितंबर तिमाही के अंत की नकदी जरूरतों और अग्रिम कर भुगतान से जुड़ी संस्थागत निकासी का नतीजा है।
बड़े पैमाने पर निकासी
बड़े पैमाने पर निकासी होने से ऋण आधारित फंड योजनाओं की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (AUM) सितंबर अंत तक घटकर 17.8 लाख करोड़ रुपये रह गईं, जो अगस्त में 18.71 लाख करोड़ रुपये थीं। वहीं, इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में सितंबर महीने के दौरान 30,421 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो अगस्त के 33,430 करोड़ रुपये से नौ प्रतिशत कम है।
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