अहमदाबाद: गुजरात एटीएस ने देश में बड़े आंतकी हमले की साजिश रच रहे संदिग्धों के पास से राइसिन (ricin) को बरामद किया है। यह वही जहर जिससे दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति डोनाल्ड ट्रंप को मारने की कोशिश की गई थी। राइसिन को बेहद खतरनाक जहर माना जाता है। दुनिया में इसकी कोई दवा नहीं है। सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप ही नहीं बल्कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी राइसिन के जरिए मारने की कोशिश हुई थी। इस जहर को दो बार लिफाफों में भेजा गया था। गुजरात एटीएस की गिरफ्त में आए तीन संदिग्धों में एक जहां एमबीबीएस डॉक्टर है तो वहीं अन्य में एक छात्र और दूसरा सिलाई का काम करता है।
कैसे तैयार होता है रिसिन?
अरंडी के बीच में जहरीला प्रोटीन राइसिन पाया जाता है। अरंडी के एक बीच यह 5 से 10 फीसदी तक हो सकता है। यह जहर शरीर की जिस कोशिका के संपर्क में आता है। उसके अंदर प्रोटीन सिंथेसिस को बंद कर देता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस जहर से अगर किसी तरीके से व्यक्ति बच भी जाए तो उसके अंग काम करने बंद कर देते हैं। दुनिया में अभी कोई इस जहर से बचाने के लिए कोई एंटीडोट नहीं बनी है। इस जहर की सबसे खास बात यही है कि इसे बनाना बेहद आसान है। केमिस्ट्री की ठीक-ठाक जानकारी रखने वाला कोई भी आम इंसान इसे बना सकता है. इसके लिए ना किसी हाई-फाई केमिकल की जरूरत होती है, और ना ही इक्विपमेंट्स से लैस हाई-टेक लैब की। एटीएस अधिकारी के अधिकारी के अनुसार हैदराबाद के डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद ने बड़ी मात्रा में राइसिन तैयार किया था। वह अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं से आतंकवादी हमले में बड़े पैमाने पर जनहानि के लिए इसका इस्तेमाल करने के निर्देश का इंतज़ार कर रहा था। अधिकारी ने कहा आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
गुजरात एटीएस के शिकंजे में आए संदिग्ध
1. अहमद मोहिउद्दीन सैय्यद (35)
पेशा: डॉक्टर, पता: पहली मंजिल, अशद मंजिल, स्ट्रीट नंबर 9, फोर्टव्यू कॉलोनी, स्कोडा शोरूम के सामने, राजेंद्रनगर, हैदराबाद, तेलंगाना।
2. आज़ाद सुलेमान शेख (20)
पेशा: सिलाई का काम, पता: क़स्बा जिंजाना, शेखा मेदान, सलारा, तालुका: कैराना, जिला: शामली, उत्तर प्रदेश।
3. मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम खान (23)
पेशा: छात्र, पता: वार्ड नंबर 1, पश्चिमी चमरौधा, कस्बा सिंगाही कलां, तालुका: निघासन, जिला: लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश।
डॉक्टर पर क्यों है एटीएस को शक
गुजरात एटीएस के अनुसार आरोपी ने चीन में चिकित्सा की पढ़ाई की थी। वह कई भाषाएं बोलता है। वह आईएसकेपी के ऑनलाइन प्रचार से प्रभावित था। जानकारी सामने आई है कि सैयद पहले एक रेस्टोरेंट का व्यवसाय चलाता था, जहां वह अरंडी के बीज रखता था। जिनका इस्तेमाल उसने बाद में रिसिन बनाने में किया। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि वह इस खतरनाक जहर का कैसे इस्तेमाल करना चाहता था। यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि हो सकता है कि इस जहर को किसी धार्मिक संस्था के प्रसाद में मिलाने की साजिश हो। हैदराबाद के इस डॉक्टर को मेडिसिन की अच्छा ज्ञान है। एटीएस को शक है कि चीन से पढ़ाई करने वाले इस डॉक्टर ने इस जहर का पहले परीक्षण कर लिया है।
एटीएस ने क्या-क्या बरामद किया?
पुलिस ने डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के पास से तीन पिस्टल, 30 कारतूस और चार लीटर अरंडी का तेल बरामद किया है। एटीएस मान रही है कि डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के साथ पकड़े गए दो अन्य संदिग्ध उसकी हथियारों के ट्रांसपोर्ट में मदद कर रहे थे। यह भी खुलासा हुआ है कि इनके निशाने पर आरएसएस के कुछ दफ्तर थे। गुजरात एटीएस के अनुसार तीनों से पूछताछ में कुछ और कड़ियां जुड़ने और खुलासे होने की उम्मीद है। गुजरात एटीएस की कई टीमें इस मामले की जांच में जुटी हैं। एक अधिकारी ने कहा कि जांच संदिग्धों का आईएसकेपी से संपर्क निकला है।
कैसे तैयार होता है रिसिन?
अरंडी के बीच में जहरीला प्रोटीन राइसिन पाया जाता है। अरंडी के एक बीच यह 5 से 10 फीसदी तक हो सकता है। यह जहर शरीर की जिस कोशिका के संपर्क में आता है। उसके अंदर प्रोटीन सिंथेसिस को बंद कर देता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस जहर से अगर किसी तरीके से व्यक्ति बच भी जाए तो उसके अंग काम करने बंद कर देते हैं। दुनिया में अभी कोई इस जहर से बचाने के लिए कोई एंटीडोट नहीं बनी है। इस जहर की सबसे खास बात यही है कि इसे बनाना बेहद आसान है। केमिस्ट्री की ठीक-ठाक जानकारी रखने वाला कोई भी आम इंसान इसे बना सकता है. इसके लिए ना किसी हाई-फाई केमिकल की जरूरत होती है, और ना ही इक्विपमेंट्स से लैस हाई-टेक लैब की। एटीएस अधिकारी के अधिकारी के अनुसार हैदराबाद के डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद ने बड़ी मात्रा में राइसिन तैयार किया था। वह अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं से आतंकवादी हमले में बड़े पैमाने पर जनहानि के लिए इसका इस्तेमाल करने के निर्देश का इंतज़ार कर रहा था। अधिकारी ने कहा आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
गुजरात एटीएस के शिकंजे में आए संदिग्ध
1. अहमद मोहिउद्दीन सैय्यद (35)
पेशा: डॉक्टर, पता: पहली मंजिल, अशद मंजिल, स्ट्रीट नंबर 9, फोर्टव्यू कॉलोनी, स्कोडा शोरूम के सामने, राजेंद्रनगर, हैदराबाद, तेलंगाना।
2. आज़ाद सुलेमान शेख (20)
पेशा: सिलाई का काम, पता: क़स्बा जिंजाना, शेखा मेदान, सलारा, तालुका: कैराना, जिला: शामली, उत्तर प्रदेश।
3. मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम खान (23)
पेशा: छात्र, पता: वार्ड नंबर 1, पश्चिमी चमरौधा, कस्बा सिंगाही कलां, तालुका: निघासन, जिला: लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश।
डॉक्टर पर क्यों है एटीएस को शक
गुजरात एटीएस के अनुसार आरोपी ने चीन में चिकित्सा की पढ़ाई की थी। वह कई भाषाएं बोलता है। वह आईएसकेपी के ऑनलाइन प्रचार से प्रभावित था। जानकारी सामने आई है कि सैयद पहले एक रेस्टोरेंट का व्यवसाय चलाता था, जहां वह अरंडी के बीज रखता था। जिनका इस्तेमाल उसने बाद में रिसिन बनाने में किया। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि वह इस खतरनाक जहर का कैसे इस्तेमाल करना चाहता था। यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि हो सकता है कि इस जहर को किसी धार्मिक संस्था के प्रसाद में मिलाने की साजिश हो। हैदराबाद के इस डॉक्टर को मेडिसिन की अच्छा ज्ञान है। एटीएस को शक है कि चीन से पढ़ाई करने वाले इस डॉक्टर ने इस जहर का पहले परीक्षण कर लिया है।
एटीएस ने क्या-क्या बरामद किया?
पुलिस ने डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के पास से तीन पिस्टल, 30 कारतूस और चार लीटर अरंडी का तेल बरामद किया है। एटीएस मान रही है कि डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद के साथ पकड़े गए दो अन्य संदिग्ध उसकी हथियारों के ट्रांसपोर्ट में मदद कर रहे थे। यह भी खुलासा हुआ है कि इनके निशाने पर आरएसएस के कुछ दफ्तर थे। गुजरात एटीएस के अनुसार तीनों से पूछताछ में कुछ और कड़ियां जुड़ने और खुलासे होने की उम्मीद है। गुजरात एटीएस की कई टीमें इस मामले की जांच में जुटी हैं। एक अधिकारी ने कहा कि जांच संदिग्धों का आईएसकेपी से संपर्क निकला है।
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